सर्वोच्च न्यायालय ने पादरी दुष्कर्म मामले की जांच रिपोर्ट मांगी
नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को निर्देश देते हुए दुष्कर्म के आरोपों का सामना कर रहे केरल के मलंकर ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरियों की जांच की रिपोर्ट मांगी है।
न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने पुलिस को मामले की जांच रिपोर्ट दो सप्ताह में दाखिल करने तथा मामले की अगली सुनवाई छह अगस्त को करने का आदेश दिया है।
दो आरोपियों ने माामले में सर्वोच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी।
सोनी (अब्राहम) वर्गीज और फादर जैस के. जार्ज ने केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसमें उसने तीन पादरियों की अग्रिम जमानत की याचिका रद्द कर दी थी।
चर्च में नियमित तौर पर जाने वाली एक महिला ने पांच पादरियों पर एक दशक से उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।
शुरुआत में सिर्फ एक पादरी ने उसका शोषण किया था। लेकिन जब पीड़िता ने अन्य पादरी से मदद मांगी, तो उसने भी उसे डरा कर उसे एक साथी पादरी से मिला दिया। इसके बाद पांच पादरी अक्सर उसका शोषण करने लगे।
एक पादरी कार्रवाई से बच गया क्योंकि पीड़िता ने सिर्फ चार लोगों का नाम लिया।
इस मामले को राष्ट्रीय महिला आयोग देख रहा है।