छग : 39 करोड़ की लागत से बन रहा विद्युत उपकेंद्र
रायपुर, 24 जुलाई (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के नक्सल हिंसा प्रभावित आदिवासी बहुल इलाकों में राज्य सरकार की ओर से विद्युत नेटवर्क का लगातार विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप राज्य के नारायणपुर जिले के ग्राम नेलवाड़ में 39 करोड़ रुपए की लागत से विद्युत उपकेंद्र का निर्माण तेजी से हो रहा है।
यह गांव जिला मुख्यालय नारायणपुर के नजदीक है। इस विद्युत सबस्टेशन का निर्माण पूरा होने पर जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को भी आसानी से पूर्ण किया जा सकेगा।
ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नेलवाड़ में 220/132/33 केवी क्षमता के उपकेंद्र का निर्माण अगले दो माह में (माह-सितंबर) पूर्ण कर लिया जाएगा। इससे पूरे जिले में बिजली की गुणवत्तापूर्ण और निरंतर आपूर्ति होगी। कम वॉल्टेज की समस्या भी नहीं रहेगी।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उन्हें इस शक्तिशाली उपकेंद्र का निर्माण सितम्बर 2018 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
उनके निर्देशों के अनुरूप छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण और पारेषण कंपनियों के इंजीनियर और मजदूर इस नक्सल पीड़ित इलाके में दिन-रात तेजी से काम कर रहे हैं। नेलवाड़ के विद्युत उपकेन्द्र को बारसूर (जिला-दंतेवाड़ा) और भिलाई (जिला दुर्ग) के बीच 220 केवी क्षमता की टावर लाइन से जोड़ा जाएगा। इसके पूर्ण होने पर विद्युत वितरण कम्पनी के कर्मचारियों को बिजली के खंभों और लाइनों के निरीक्षण तथा रख-रखाव में भी आसानी होगी। नारायणपुर जिले में प्रतिदिन लगभग 10 से 11 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है।
अधिकारियों ने बताया कि नेलवाड़ के निमार्णाधीन उपकेन्द्र के बन जाने पर नारायणपुर जिले को अलग फीडर से बिजली मिलने लगेगी। इसके अलावा तीन अतिरिक्त फीडर भी तैयार किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी कारण से बिजली की आपूर्ति में आकस्मिक रूकावट होने पर अतिरिक्त फीडरों के जरिए विद्युत आपूर्ति की जा सकती है। आज की स्थिति में जिले के नारायणपुर और ओरछा (अबूझमाड़) विकासखण्डों में पड़ोसी कोण्डागांव जिले के ग्राम मसौरा स्थित उपकेन्द्र से बिजली की आपूर्ति हो रही है। यह लाइन लगभग 60 किलोमीटर के वन क्षेत्रों से गुजरती है, जबकि नेलवाड़ में उपकेंद्र का निर्माण पूर्ण होने पर यह दूरी घटकर सिर्फ 10 किलोमीटर रह जाएगी।