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उत्तराखंड में वर्ष 2018 में हुई 746 सड़क दुर्घटनाएं

उत्तराखंड में सड़क दुर्घटना के बढ़ते मामलों को काबू में लाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने की विशेष बैठक

उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द रोड सेफ्टी ऑडिट का काम पूरा कराएं। ब्लैक स्पॉट को दूर करने में तेजी लाएं। प्रवर्तन को और अधिक प्रभावशाली बनाएं।

सड़क दुर्घटना के लिए ज़िम्मेदार किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। 16 अगस्त से पूरे प्रदेश में परिवहन, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का संयुक्त अभियान चलाया जाए।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में कहा कि जिन स्थानों पर अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं, उन्हें पहचान कर वहां पर दुर्घटना के कारक को दूर किया जाए। इसके लिए लंबी योजना पर काम करते रहें। साथ ही तत्काल समाधान के लिए लघुकालीन उपाय करें।

” गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट केवल विशेषज्ञों द्वारा ही दिया जाए। सार्वजनिक बसों नें जीपीएस भी लगाएं जाए। स्टीकर भी लगाएं, जिस पर व्हाट्सएप नंबर दिए जाएं। इससे कि ड्राइवर के नशे की हालत में होने या तेज़ी से गाड़ी भगाने की स्थिति में सवारी मैसेज करके संबंधित अधिकारी को शिकायत कर सके।” मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने आगे बताया।

बैठक में सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने बताया कि जिलों में सड़क सुरक्षा समिति की मासिक बैठक होती है। सघन प्रवर्तन की वजह से जनवरी से जून तक सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयी है। इस अवधि में वर्ष 2017 में 783 दुर्घटनाएं हुई थी, जो वर्ष 2018 में घटकर 746 हो गई। 50,764 चालान किए गए और 19,774 में रेड लाइट जंपिंग, ओवर लोडिंग, ओवर स्पीडिंग, मोबाइल पर बात करने या नशे की हालत में वाहन चलाने पर लाइसेंस के रद्द करने की कार्रवाई की गई।

परिवहन विभाग के अनुसार राज्य में पुलिस के 319 और परिवहन विभाग के 40 एल्कोमीटर के ज़रिए नशे की हालत में गाड़ी चलाने वालों को चेक किया जा रहा है। ई-चालान लागू किया जा रहा है। 937 चिन्हित ब्लैक स्पॉट दूर किए जा रहे हैं। इन स्थानों पर क्रैश बैरियर, पैरापेट, साइनेज लगा दिए गए हैं। स्कूली वाहनों और अन्य गाड़ियों की ओवर लोडिंग चेक की जा रही है। दोपहिया वाहनों के पीछे बैठने वालों के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाएगा।

” चम्पावत और उत्तरकाशी जनपदों में सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आयी है। जनपद पौड़ी और अल्मोड़ा में प्रवर्तन की प्रभावी कार्रवाई करनी होगी।” सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने आगे बताया।

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