प्राचीन स्मारक विधेयक प्रवर समिति को भेजा जाए : विपक्ष
नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)| विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल व अवशेष (संशोधन) विधेयक पर सोमवार को राज्यसभा में चर्चा नहीं हो पाई।
विपक्षी सदस्यों ने इसे प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की। केद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा द्वारा इस विधेयक को पेश करने के तुरंत बाद, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सलाह दी कि इसे प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, इस विधेयक को समीक्षा के लिए स्थायी समिति के पास नहीं भेजा गया है, इसलिए इसे प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए। यह काफी महत्वपूर्ण विधेयक है, क्योंकि इसकी मौजूदा और आने वाली पीढ़ी के लिए सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्ता है।
इस मांग का समाजवादी पार्टी, वाम दलों, द्रमुक, राजद व अन्य पार्टियों ने समर्थन किया।
सपा के सदस्य राम गोपाल यादव ने कहा, स्थायी समितियों के पास विधेयक भेजने का एक नियम रहा है, जिसका पालन नहीं किया गया। कांग्रेस की मांग उचित है और इसे एक प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने विरोध कर रहे सदस्यों से विधेयक को पारित करने का आग्रह किया, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने उन्हें अनसुना कर दिया।
शर्मा ने भी विधेयक को तत्काल पारित करने की मांग की, लेकिन विपक्षी सदस्य इसे प्रवर समिति के पास भेजे जाने को लेकर अड़े रहे।
सभापति ने भी सदन की स्थिति को देखते हुए संसदीय कार्य मंत्री को सभी राजनीतिक पार्टियों से मामले पर चर्चा करने और फिर सदन में वापस आने को कहा।
प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल व अवशेष (संशोधन) विधेयक महेश शर्मा द्वारा लोकसभा में 18 जुलाई 2017 को पेश किया गया था और निचले सदन में इसे जनवरी में पास कर दिया गया था। तब से यह राज्यसभा में लंबित है।
यह विधेयक प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल व अवशेष अधिनियम, 1958 में संशोधन के लिए पेश किया गया था।
यह विधेयक संरक्षित धरोहर या क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे को एक ‘निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित करता है। इसके अंतर्गत कुछ हालातों को छोड़कर ऐसे क्षेत्रों में निर्माण कार्य की इजाजत नहीं दी गई है। लोक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भी इन निषिद्ध क्षेत्रों में निर्माण की इजाजत नहीं दी गई है।
अधिनियम में संशोधन के बाद इन क्षेत्रों में सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए निर्माण कार्य की इजाजत मिल जाएगी।