मछली आयात पर रोक की अवधि बढ़ सकती है : पर्रिकर
पणजी, 23 जुलाई (आईएएनएस)| गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि सरकार लोगों के बीच ‘डर व संदेह को दूर करने’ के लिए मछली के आयात पर 15 दिनों की रोक को बढ़ाने की इच्छुक है। उन्होंने इस मुद्दे का राजनीतिकरण रोकने का विधायकों से आग्रह किया। प्रयोगशाला जांच का हवाला देते हुए उन्होंने राज्य में मछलियों को संरक्षित करने के लिए फार्मेलिन के इस्तेमाल से इनकार किया।
पर्रिकर ने कहा कि विभिन्न बाजारों से मछलियों की विभन्न प्रजातियों का 116 से ज्यादा नमूने 14 जुलाई से लिए गए और इनसे संकेत मिलता है कि मछली को संरक्षित करने के लिए अलग से कोई फार्मेल्डिहाइड का इस्तेमाल नहीं किया गया।
पर्रिकर ने कहा कि मछली को संरक्षित करने के लिए इसके इस्तेमाल की रिपोर्ट से तटवर्ती राज्य में पर्यटन में गिरावट हुई है।
गोवा विधानसभा के चल रहे मॉनसून सत्र में भारतीय जनता पार्टी के विधायक नीलेश कबराल के एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, अगर मौजूदा परिस्थिति इसी तरह से बनी रहती है तो सरकार गोवावासियों के स्वास्थ्य के हित में रोक को आगे बढ़ाने पर विचार करने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों से मछली के आयात पर 15 दिनों की रोक 18 जुलाई को लागू की थी।
केंद्र सरकार के भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक अधिकरण (एफएसएसएआई) के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि फार्मेलिन के अतिरिक्त उपयोग को अपराध माना जाता है। पर्रिकर ने कहा कि आम तौर पर खाए जाने वाले कई खाद्यों में स्वाभाविक रूप से रसायन मिला होता है, जो कि यह प्राकृतिक उपापचय का हिस्सा होता है।
पर्रिकर ने गोवा विधानसभा में लिखित उत्तर में कहा , फॉर्मेल्डिहाइड फल और सब्जियों (करीब 20 से 60 मिलीग्राम प्रति किग्रा फल और सब्जियों में), मांस (करीब 5-20 मिग्रा प्रति किलो), मछली (करीब पांच से 140 मिग्रा प्रति किलो), क्रस्टेसियन (करीब 10 से 100 मिग्रा प्रति किग्रा) और मशरूम (करीब 60 मिग्रा ताजे में व सूखे में ज्यादा से ज्यादा 400 मिग्रा प्रति किलो) सहित कई आम तौर पर खाने वाले पदार्थो में प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है।
उन्होंने कहा, ज्यादातर समुद्री मछलियों में फार्मेल्डिहाइड एक रासायन ट्राईमेथिलामाइन ऑक्साइड (टीएमएओ) का एक अपघटन उत्पाद माना जाता है, जो कि उनके शरीर में मौजूद होता है। मछली के पकड़े जाने के बाद टीएमएओ पोस्टमार्टम के दौरान फार्मेडिल्हाइड व डाईमेथिलामाइन में बराबर रूप से विभाजित हो जाता है। यह कुछ समुद्री मछलियों व क्रस्टेसियन में भंडारण के दौरान जमा हो सकता है।
विधायकों से फार्मेलिन विवाद को लेकर जवाबदेह तरीके से बोलने का आग्रह करते हुए पर्रिकर ने कहा कि कथित तौर फार्मेलिन के इस्तेमाल को लेकर हंगामे की वजह से राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है।