IANS

बच्चों के लिए सुरक्षित खिलौने बनाने की जरूरत : आईसीटीआई

नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)| देश में ऐसे खिलौनों को ही बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए, जो बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हो। साथ ही खिलौनों की पैकेजिंग पर इसमें इस्तेमाल किए जानेवाले प्लास्टिक और रसायनों का उल्लेख किया जाना चाहिए। खिलौने ऐसी चीज हैं जो पूरी तरह से सुरक्षित होने चाहिए, इन पर सख्त नियम बनाए जाने चाहिए। खिलौना उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने यह बात कही।

ऑल इंडिया टॉय मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन (टीएआईटीएमए) के निदेशक, आईसीटीआई (इंटरनेशनल काउन्सिल ऑफ टॉय इंडस्ट्रीज) के निदेशक और उद्योग मंडल फिक्की की खिलौना समिति के अध्यक्ष विवेक झंगियानी ने यहां भारतीय खिलौना उद्योग को लेकर आयोजित परिचर्चा में हिस्सा लिया।

झंगियानी ने कहा, हम खासतौर पर ऐसे उत्पादों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए काम करते हैं, जो बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हों। हम इस बात पर जोर दे रहे हैं कि खिलौनों की पैकेजिंग पर इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक और रसायनों का उल्लेख किया जाए, खिलौने के डिजाइन एवं गुणवत्ता के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए। भारत में 90 फीसदी खिलौनों का आयात किया जाता है। केवल 10 फीसदी खिलौने ही स्थानीय रूप से बनाए जाते हैं, इसलिए हम कीमत के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते। उद्योग जगत घरेलू उत्पादों के लिए एक मंच के निर्माण हेतू प्रयारसरत है।

चर्चा के दौरान ऐसे आधुनिक खिलौनों के निर्माण के लिए अनुसंधान, प्रक्रियाओं, गुणवत्ता के मानकों एवं सुरक्षा प्रोटोकॉल पर विशेष रूप से जोर दिया गया, जो बच्चों को खेल-खेल में सीखने का अवसर प्रदान करें।

दुनिया की सबसे बड़ी खिलौना मेला आयोजित करनेवाली संस्था स्पीलवनमेस इजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अन्स्र्ट किक ने कहा, सबसे पहले बाजार में सुरक्षित खिलौनों को उतारना प्रदर्शकों की जिम्मेदारी होती है। हम इस जिम्मेदारी को समझते हैं और हर साल किड्स इंडिया में 10 लाख उत्पाद और 1,00,000 नई चीजें पेश करते हैं, हम खिलौना उद्योग को उचित जानकारी प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण मंच की भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा, निमार्ताओं, कारोबार संगठनों, खरीददारों और सरकारों को मिलकर इस क्षेत्र में विश्वस्तरीय प्रयास करने होंगे। हमारे बच्चों के लिए इस दुनिया को सुरक्षित बनाने में हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। हमें सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों के खेलने के लिए उपलब्ध खिलौने उच्च गुणवत्ता से युक्त, सुरक्षित और किफायती हों।

स्पीलवनमेस इंडिया की प्रबंध निदेशक कथरीना जैनोटा ने कहा, बाजार में सुरक्षित खिलौनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। आज का उपभोक्ता डिजिटल प्रथाओं के बारे में जानकारी रखता है, वह उत्पादों के बारे मंे पूनी तरह से जागरूक है। जिसके कारण उपभोक्ताओं की उम्मीदें और भी बढ़ जाती है, ऐसे में ब्राण्ड्स के लिए सुरक्षित एवं प्रमाणित उत्पाद उपलब्ध कराना बेहद जरूरी हो जाता है।

नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर सेर्टिफिकेशन बॉडीज (एनएबीसीबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल जौहरी ने पैनल चर्चा के दौरान कहा, खिलौने ऐसी चीज हैं जो पूरी तरह से सुरक्षित होने चाहिए, इन पर सख्त नियम बनाए जाने चाहिए। अभी कुछ समय पहले तक खिलौनों के लिए कोई कानूनी नियम नहीं थे। लेकिन अब इस तरह के नियम बनाए जा रहे हैं। मेरा मानना है कि सरकार इन विनियमों के लिए उचित कदम उठाएगी, और ऐसे नियम बनाएगी, जिनका पालन करना उद्योग जगत के लिए मुश्किल न हो।

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