मोदी ‘चौकीदार’ नहीं ‘भागीदार’ : राहुल
नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया और कहा कि मोदी ‘चौकीदार’ नहीं, बल्कि ‘भागीदार’ हैं और ‘जुमला छोड़ते’ हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने युवाओं, किसानों, दलितों और महिलाओं को नजरंदाज करते हुए अपने कारोबारी मित्रों को फायदा पहुंचाया है। गांधी ने बहस के दौरान मोदी पर नफरत और गुस्से से भरे होने का आरोप लगाया और उसके बाद उन्हें पास जाकर गले लगाकर सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा कि मोदी के नफरत और गुस्से को पूरा देश महसूस कर रहा है।
गांधी ने कहा कि मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह भयभीत हैं और हार सहन नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी सत्ता जाते ही उनके खिलाफ दूसरी प्रक्रियाएं शुरू हो जाएंगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियां मोदी को हरा देंगी।
अपने लगभग 45 मिनट के संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह भाजपा और उसके वैचारिक संरक्षकों की इस बात के लिए बहुत इज्जत करते हैं, क्योंकि उन्होंने उन्हें कांग्रेस और हिंदू का अर्थ समझाया। उन्होंने कहा कि वे गुस्सा होकर उन्हें पप्पू बुला सकते हैं, लेकिन वे उनकी इस भावना को समाप्त कर देंगे और उन्हें कांग्रेस की तरफ मोड़ देंगे।
उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय सुरक्षा के नारे की धज्जियां उड़ाते हुए कहा, मोदी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर झूठ बोला है और अपनी अनौपचारिक वार्ता में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने डोकलाम मुद्दा नहीं उठाकर सैनिकों को धोखा दिया है।
इसके पहले अपनी बात रख चुके तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसद जयदेव गल्ला का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी (कांग्रेस) ‘जुमला’ नामक राजनीतिक हथियार का शिकार है।
उन्होंने कहा, पहले खुशी, उत्साह का भाव, फिर एक आश्चर्य का भाव, और फिर आठ घंटे लंबा भाषण। किसान, युवा, दलित, आदिवासी और महिलाएं पीड़ित हैं।
गांधी ने कहा कि गल्ला ने सही कहा कि प्रधानमंत्री की बात में वजन होना चाहिए। इस दौरान भाजपा सदस्य बार-बार राहुल के संबोधन में व्यवधान उत्पन्न कर रहे थे।
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये डालने और प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरियां पैदा करने के वादा कर जनता को जुमला दिया था। इस दौरान मोदी कभी-कभी मुस्कुराते दिखे।
कांग्रेस नेता ने नोटबंदी पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस एक जीएसटी दर चाहती है और पेट्रो पदार्थो को इसके दायरे में लाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि मोदी ने खुद को देश का ‘चौकीदार’ बोला है, लेकिन अमित शाह के बेटे की कंपनी का लेन-देन 16,000 गुना बढ़ने पर वह चुप हैं।
गांधी ने पूरी मजबूती के साथ, मगर सहज तरीके से कहा कि भारत अपने इतिहास में पहली बार अपनी महिलाओं की रक्षा करने में समर्थ नहीं दिख रहा है और देश की प्रतिष्ठा नष्ट हो रही है।
उन्होंने कहा, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। लोगों की हत्याएं की जा रही हैं, पीटा जा रहा है, भीड़ द्वारा हत्या की जा रही है, शोषण किया जा रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री एक भी शब्द नहीं बोलते हैं। उनके मंत्री जाकर आरोपियों को माला पहनाते हैं।