जिंदल विश्वविद्यालय ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के साथ एमओयू पर किए हस्ताक्षर
बोस्टन, 19 जुलाई (आईएएनएस)| ओ.पी. जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय (जेजीयू) ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के साथ तीन क्षेत्रों में अपने सहयोग के विस्तार के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें जिंदल के छात्रों के लिए हार्वर्ड में वार्षिक शिक्षण सत्र के माध्यम से छात्रों का जुड़ाव शामिल है। जिन अन्य दो क्षेत्रों में सहयोग किया गया है उसमें एमओयू के तहत दोनों संस्थान हितों के विषयों पर संयुक्त सम्मेलन आयोजित करेंगे और अन्य शोध और शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होंगे।
हरियाणा के सोनीपत स्थित जेजीयू ने एक बयान में कहा, इस एमओयू पर जेजीयू और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ (एचएसपीएच) के बीच बुधवार को हस्ताक्षर किए गए। साथ ही एस समझौते के तहत छात्रों के जुड़ाव पर संस्थानों द्वारा जारी सहयोग व दोनों संस्थानों के बीच संस्थागत जुड़ाव के अन्य अवसरों के लिए मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
बयान में कहा गया, जेजीयू के लगभग 30 छात्रों के लिए छात्र जुड़ाव सहयोग ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित एक वार्षिक अध्ययन विदेशी कार्यक्रम का रूप ले लिया है।
बयान में कहा गयास कि कार्यक्रम के सफलतार्पूक पूरा होने पर जिंदल छात्र अकादमिक क्रेडिट अर्जित करेंगे और यह पाठ्यक्रम लिखित प्रतिलिपि में प्रतिबिंबित होगा।
कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले हार्वर्ड के स्टीफंस मार्क्स ने जेजीयू के कुलपति सी. राज कुमार के साथ कहा, उच्च शिक्षा में असाधारण विकास के कारण जेजीयू निरंतर वृद्धि कर रहा है और इसके पीछे इसका उत्कृष्टता पर निरंतर ध्यान, वैश्विक शिक्षा के प्रति इसकी प्रतिबद्धता और 50 देशों में 200 से अधिक सहयोग जैसे कारण हैं।
मार्क्स ने कहा, यह एमओयू इस उत्कृष्टा और वैश्विक शिक्षा की प्रतिबद्धता में जेजीयू के साथ हार्वर्ड के जुड़ाव को और सुगम बनाएगा।
जेजीयू के कुलपति राजकुमार ने कहा, हार्वर्ड के साथ सहयोग एक उदाहरण है क्योंकि यह दिखाता है कि एक युवा भारतीय विश्वविद्यालय दृष्टि के साथ उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए क्या कर सकता है और अपने छात्रों और शिक्षकों के लिए शानदार अवसर प्रदान करता है।
जेजीयू संरक्षक और संस्थापक कुलाधिपति नवीन जिंदल ने कहा, शिक्षा और शोध के संबंध में जेजीयू और हार्वर्ड के सहयोग के बारे में जानकर मुझे बहुत खुशी हुई। यह उपलब्धि हमारे शिक्षकों और छात्रों के जुनून, प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए एक प्रमाण पत्र है।