राजद्रोह कानून की गुंजाइश जांच रहा विधि आयोग : सरकार
नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| सरकार ने बुधवार को संसद को बताया कि विधि आयोग राजद्रोह पर कानून की गुंजाइश और दायरे का परीक्षण कर रहा है यह जानने के लिए कि किन परिस्थितियों में इसका उचित उपयोग किया जा सकता है।
एक सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से कानून एवं न्याय मंत्रालय को पत्र लिखकर विधि आयोग से भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) के प्रावधानों के इस्तेमाल का अध्ययन कर संशोधन का सुझाव देने का आग्रह किया गया था।
उन्होंने कहा, विधि आयोग ने धारा 124ए का परीक्षण किया है और राजद्रोह कानून की गुंजाइश और दायरे पर विचार कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किन परिस्थितियों में कानूनी रूप से इसका उपयोग किए जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस विषय पर एक मसौदा/रिपोर्ट तैयार किया गया है और विधि आयोग की 26 जून की बैठक में इस पर चर्चा हुई और यह तय हुआ कि इसकी समीक्षा की जा रही है।
विधि आयोग ने अभी इस रिपोर्ट को अंतिम रूप प्रदान नहीं किया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने राजद्रोह कानून के उपयोग की सीमाएं तय की हैं, जिसके तहत इसके लिए हिंसा को बढ़ावा देने की बात को एक आवश्यक तत्व माना गया है। लेकिन पुलिस उन मामलों में भी राजद्रोह का आरोप लगाती रही है, जिनमें यह तत्व नहीं होता है।