किलनियों को ‘ए’ रक्त समूह वाले अधिक प्रिय
लंदन, 16 जुलाई (आईएएनएस)| ‘ए’ रक्त समूह वालों को किलनी (टिक) द्वारा काटे जाने का जोखिम ज्यादा होता है। इसमें खटमल भी शामिल हैं, जो घातक लाइम बीमारी के कारक होते हैं।
किलनी रक्त चूसने वाला परजीवी है, जो अक्सर लकड़ी में पाया जाता है और इसका परपोषी जीवाणु होता है।
चेक गणराज्य में मर्साय विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में एक पेट्री डिश पर जीवाणुरहित फिल्टर पेपर पर ‘ए’, ‘बी’, ‘एबी’, व ‘ओ’ रक्त का एक नमूना गिराया।
एक इक्जोडेस रिसिनस किलनी या ‘भेड़ टिक’ को डिश में रखा गया और वैज्ञानिकों ने दो मिनट तक इसकी गतिविधियों पर नजर रखी।
डेली मेल की रपट के मुताबिक, नतीजों से पता चला कि 36 फीसदी किलनियों ने ‘ए’ रक्त समूह को पसंद किया, जबकि 15 फीसदी परजीवी रक्त समूह ‘बी’ की तरफ आकर्षित हुए।
विश्वविद्यालय की प्रमुख शोधकर्ता एलेना जाकोवसका ने कहा, शोध से पता चलता है कि रक्त समूह इक्जोडेस रिसिनस किलनी में खाने को तरजीह देने का एक कारक हो सकता है।
उन्होंने कहा, किलनियों के संभावित पंसद की जानकारी का इस्तेमाल विशेष रक्त समूह के लोगों को काटने के जोखिम को कम करने में किया जा सकता है।