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नोएडा देश की ओद्योगिक राजधानी बन गया है : मंत्री

ग्रेटर नोएडा, 16 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के खादी ग्रामोद्योग, रेशम उत्पादन, वस्त्र, सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम और निर्यात संवर्धन मंत्री सत्यदेव पचौरी ने सोमवार को यहां कहा कि नोएडा न सिर्फ उत्तर प्रदेश की, बल्कि देश की औद्योगिक राजधानी बन गया है।

पचौरी यहां 61वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय वस्त्र मेले (आईआईजीएफ) के उद्घाटन के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले केंद्रीय संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने यहां 61वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय वस्त्र मेले का उद्घाटन किया। इस मौके पर सत्यदेव पचौरी के अलावा नोएडा के विधायक पंकज सिंह भी मौजूद थे। वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) की ओर से आयोजित तीन दिवसीय इस अंतर्राष्ट्रीय मेले में देशे के 11 राज्यों के 345 वस्त्र निर्यातक हिस्सा ले रहे हैं।

पचौरी ने कहा, हमारे मुख्यमंत्री नोएडा के विकास के लिए काम कर रहे हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विभिन्न व्यवसायों की स्थापना के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

एपीईसी के अध्यक्ष एच. के. एल. मागू ने कहा, आईआईजीएफ एशिया के सबसे बड़े और सर्वाधिक लोकप्रिय मेलों में शुमार है, जहां वस्त्रों के विदेशी खरीदार भारत से उत्कृष्ट वस्त्र एवं फैशन सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। भारत के वस्त्र उद्योग में छायी मंदी अब समाप्त हो रही है और तेजी का दौर लौट रहा है। उद्योग ने इस साल 15 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रखा है।

मागू ने ओडीओपी स्कीम के अंतर्गत नोएडा शहर को ‘सिटी ऑफ अपेरल’ घोषित किए जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकार की इस पहल से उत्तर प्रदेश में वस्त्रों के विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।

उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद, नोएडा के संयोजक और वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद की प्रदर्शनी सलाकार समिति के अध्यक्ष ललित ठुकराल ने कहा कि नोएडा में 800 से अधिक वस्त्र निर्यातक हैं और 300 एकड़ भूमि पर वस्त्र पार्क का निर्माण कराना उत्तर प्रदेश सरकार का उत्साहवर्धक प्रयास है। इससे ऐसी फैक्टरियों को अपने विस्तार की प्रचुर संभावनाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि इस पार्क से 4-5 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

उन्होंने कहा, यह मेला उत्तर प्रदेश में वस्त्रों का उत्पादन और निर्यात बढ़ाने की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों का एक पूरक है, जिसमें 1054 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के साथ-साथ देशभर के कपड़ा कारोबारी शामिल हुए हैं।

उन्होंने कहा, इस मेले में 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर का व्यापार होने की संभावना है। हमने अधिक से अधिक खरीददारों को आकर्षित करने की कोशिश की है।

मागू ने बताया कि मेले में 63 देशों से वस्त्र कारोबारी पहुंचे हैं, जिनमें ब्राजील, स्पेन, जापान, यूके, हांगकांग, यूएसए, श्रीलंका, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, कोलम्बिया, यूनान, इटली, मिस्र, चिली, अर्जेंटीना, संयुक्त अरब अमीरात, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, ईरान, इजरायल, कुवैत, मलेशिया, नीदरलैंड, पेरू, तुर्की, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका, रूस, उगांडा, चीन, सऊदी अरब के खरीदार शामिल हैं।

मेले में भारतीय फैशन आभूषण सामग्री की भी प्रदर्शनी लगाई गई है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय वस्त्र मेला एक बी-2-बी मेला है। इसकी शुरुआत 1988 में की गई थी।

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