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रेलवे को सीसीटीवी परियोजनाओं के लिए चाहिए 2,500 करोड़ का कर्ज

नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)| वित्त मंत्रालय से निर्भया फंड से आगे आवंटन नहीं मिलने के बाद भारतीय रेल समूचे रेल नेटवर्क में अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए सभी स्टेशनों और डिब्बों में सीसीटीवी लगाने के लिए 2,500 करोड़ रुपये के कर्ज की संभावना तलाश रही है।

यह कर्ज इंडियन रेलवेज फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईआरएफसी) के माध्यम से जुटाया जाएगा, जोकि रेलवे की वित्तीय शाखा है। यह रेलवे के विस्तार के लिए पूंजी बाजार तथा अन्य मार्गो से पूंजी जुटाता है।

भारतीय रेल को सीसीटीवी परियोजना के लिए कुल 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत है, जिसमें से 500 करोड़ रुपये वित्त मंत्रालय ने निर्भया फंड के तहत दिया है।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, अभी तक 436 स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाया जा चुका है और इस साल निर्भया फंड के तहत 547 और स्टेशनों पर सीसीटीवी स्थापित कर दिया जाएगा।

रेल परिसर में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में भारतीय रेल नेटवर्क के 58,276 डिब्बों और 5,121 स्टेशनों पर सीसीटीवी प्रणाली लगाने की मंजूरी दी गई थी।

हालांकि, वित्त मंत्रालय ने निर्भया फंड से रेलवे को आगे आवंटन को मंजूरी नहीं दी और कहा कि रेलवे खुद से फंड जुटाए।

इसलिए, यह फैसला किया गया है कि आईआरएफसी से 2,500 करोड़ रुपये जुटाए जाएं। इस कर्ज का पुनर्भुगतान रेलटेल करेगी। रेलटेल रेलवे की दूरसंचार इकाई है, जो सीसीटीवी परियोजना के लिए जिम्मेदार है।

बाजार से कर्ज लेने की तुलना में रेलवे आईआरएफसी के माध्यम से कर्ज लेने को प्राथमिकता दे रही है।

संशोधित योजना के मुताबिक, 42,000 डिब्बों और 5,000 स्टेशनों पर सीसीटीवी प्रणाली की स्थापना की जाएगी, ताकि यात्रियों की सुरक्षा मजबूत हो सके।

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