नेपाल में 1500 भारतीय मानसरोवर यात्री फंसे, 2 की मौत
काठमांडू, 3 जुलाई (आईएएनएस)| तिब्बत में कैलाश मानसरोवर यात्रा पूरी करने के बाद वापस लौट रहे दो भारतीय श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 1,500 से अधिक तीर्थयात्री भारी बारिश और खराब मौसम के कारण नेपाल के हुमला जिले में स्थित सिमिकोट में फंसे हुए हैं। भारतीय दूतावास ने यहां सोमवार को कहा कि 423 किलोमीटर दूर सिमिकोट के हालात पर निगरानी रखी जा रही है। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारतीयों को बाहर निकालने के लिए नेपाल सरकार से सेना के हेलीकॉप्टरों को मुहैया कराने का अनुरोध किया गया है।
सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा, सिमिकोट में 525, हिलसा में 550 और तिब्बत में 500 से अधिक श्रद्धालु फंसे हुए हैं।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल पुलिस ने कहा कि केरल निवासी नारायणम लीला की मानसरोवर से लौटने के बाद सिमिकोट के अपने ही होटल में मौत हो गई और आंध्र प्रदेश की सत्या लक्ष्मी की तिब्बत के तकलकोट में मौत हो गई। मानसरोवर में इस साल आठ भारतीय श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
भारतीय अधिकारियों ने यहां कहा कि जैसे ही मौसम में सुधार होगा, श्रद्धालुओं को बचाकर नेपालगंज लाया जाएगा।
भारतीय दूतावास के प्रथम सचिव प्रणव गणेश ने कहा, खराब मौसम के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है। कुछ श्रद्धालु नेपाल-तिब्बत सीमा के समीप हिलसा में फंसे हुए हैं, जबकि कुछ सिमिकोट में फंसे हुए हैं।
दूतावास ने कहा, तीन जुलाई की सुबह तक मौसम खराब बना रहा। ऐसे में निकासी उड़ानें संचालित किए जाने की संभावना काफी कम है।
नेपाल में मौसम की स्थिति सोमवार से ही खराब बनी हुई है। निरंतर मूसलाधार बारिश में कम से कम एक दर्जन लोगों की मौत हो गई है।
दूतावास ने कहा कि उसने नेपालगंज और सिमिकोट में अपने प्रतिनिधि भेज दिए हैं जो श्रद्धालुओं के लिए खाने और रुकने की सुविधा को सुनिश्चित करेंगे। पुलिस को फंसे हुए लोगों की देखभाल करने को कहा गया है।
सिमिकोट में भारतीय अधिकारी बुजुर्ग श्रद्धालुओं को चिकित्सा मदद मुहैया करा रहे हैं। भारत सरकार ने फंसे हुए लोगों को अपने परिवार से संपर्क साधने के लिए हॉटलाइन सेवा शुरू की है।
भारतीय मिशन ने क्षेत्र में सभी टूर ऑपरेटरों से श्रद्धालुओं को यथासंभव तिब्बत में रोक कर रखने को कहा है क्योंकि नेपाल में चिकित्सा और नागरिक सुविधाएं अपर्याप्त हैं।