किसी भी तरह की आपदा में हवा की तेज़ी से पहुंचाया जाएगा राहत कार्य
आपदा से निपटने के लिए होगा हाईटेक तकनीकों का प्रयोग
मौसम के विक्राल रूप को देखते हुए उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी ज़िलों में किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। प्रदेश में लोगों तक तुरंत राहत कार्य पहुंचाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने फील्ड कर्मचारियों की 15 सितम्बर तक छुट्टियों पर रोक लगा दी है।
इस दौरान उत्तराखंड के सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने बताया,” प्रदेश में भारी बारिश को देखते हुए शासन प्रशासन अलर्ट है। हालांकि वर्तमान में स्थिति सामान्य है। मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव सहित कई स्तरों पर लगातार समीक्षाएं करते हुए सभी आवश्यक तैयारियां की गई हैं। प्रदेश में कई मार्गों पर भूस्खलन के अति संवेदनशील क्षेत्रों में ज़रूरी संख्या में जेसीबी, पॉकलैंड मशीनें, मेनपावर तैनात की गई है।”
बैठक में यह बताया गया कि बारिश को देखते हुए फील्ड कर्मचारियों की 15 सितम्बर तक छुट्टियों पर रोक है। आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को अलर्ट पर रखा गया है। सेना, आईटीबीपी, बीआरओ व अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बनाया गया है। राजमार्गों पर जहां क्रानिक लैंडस्लाईड जोन चिन्हित किए गए हैं, वहां वैकल्पिक ट्रेक रूट भी बनाए गए हैं।
” चार धाम यात्रा मार्ग पर शेल्टर प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां आवश्यक होने पर यात्रियों को सुरक्षित रोका जा सकता है। तहसील स्तर तक आपदा राहत के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध है। कैलाश मानसरोवर यात्रा में जाने वाले सभी यात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं। हमारी कोशिश है कि किसी भी परिस्थिति में सूचना व संचार तंत्र बरकरार रहे।” अमित नेगी ने आगे बताया।
सचिव आपदा प्रबंधन ने बैठक में यह बताया कि उत्तराखंड उन राज्यों में है, जहां आपदा प्रबंधन के लिए सर्वाधिक संख्या में सैटेलाईट फोन उपयोग किए जा रहे हैं। हमारे पास इस समय 74 सैटेलाईट फोन है, जो कि जिलाधिकारियों को उपलब्ध कराए गए हैं। दो हेलीकाप्टर की व्यवस्था की जा रही है। इनमें से एक हेलीकाप्टर गढ़वाल के लिए व 1 हेलीकाप्टर कुमायूं के लिए होगा।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में तीन माह के लिए आवश्यक राशन व अन्य सामग्री का स्टॉक मौजूद है। राज्य में 31 स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें पहले ही तैनात की जा चुकी हैं। दूरस्थ चैकियों में तैनात लगभग 7,500 पुलिसकर्मियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।