टोक्यो ओलम्पिक-2020 मेरा लक्ष्य : जोआओ (साक्षात्कार)
नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)| सिएट अल्टीमेट टेबल टेनिस (यूटेटे) लीग के दूसरे सीजन के पहले सेमीफाइनल में दबंग स्मैशर्स के खिलाफ मिली हार के कारण खिताबी दौड़ से बाहर होने वाली महाराष्ट्र युनाइटेड टीम के पुर्तगाली खिलाड़ी जोआओ मोंटेरियो ने कहा कि 2020 में टोक्यो ओलम्पिक खेलों के लिए टीम में शामिल होना उनका लक्ष्य है।
जोआओ इस बात को समझते हैं कि टोक्यो ओलम्पिक में पहुंचने की राह उनके लिए आसान नहीं होगी, लेकिन वह इस लक्ष्य को हासिल करने हेतु हर प्रकार का संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।
पुर्तगाल के इस दिग्गज टेबल टेनिस खिलाड़ी ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में अपने जीवन के सबसे बड़े लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर कहा, निश्चित तौर पर टोक्यो 2020 ओलम्पिक खेल मेरा लक्ष्य है। मेरे ख्याल से यह हर खिलाड़ी के लिए एक सपना और लक्ष्य है।
बकौल जोआओ, मैं जानता हूं कि मेरे साथ अन्य खिलाड़ी भी इसी लक्ष्य के साथ इसमें आने का प्रयास करेंगे। हर किसी के लिए वहां पहुंचना आसाना नहीं होगा। मैं चौथी बार इसमें हिस्सा लेने हेतु हर प्रकार के संघर्ष के लिए तैयार हूं।
जोआओ ने यूटीटी के पिछले साल आयोजित उद्घाटन संस्करण में भी महाराष्ट्र युनाइटेड का प्रतिनिधित्व किया था। ऐसे में दूसरी बार इसी टीम से जुड़ने के बारे में उन्होंने कहा, महाराष्ट्र टीम के लिए दूसरी बार खेलना अच्छा रहा है। पहले संस्करण में इस टीम के साथ खेलने का अनुभव भी अच्छा था। प्रबंधक से लेकर अन्य स्टॉफ तक सब अच्छे हैं। वे सब हमेशा खिलाड़ियों की जरूरत के वक्त मदद करते हैं। मुझे जब पता चला कि मैं दूसरे सीजन में भी इसी टीम के लिए खेलने वाला हूं, तो मैं बहुत खुश था।
नौ साल की उम्र से टेबल टेनिस खेलना खेलने वाले जोआओ के परिवार में उनके अलावा, पहले किसी ने यह खेल नहीं खेला था। वह यूरोपीय चैम्पियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।
इसके अलावा, साल 2015 यूरोपीय खेलों में पुर्तगाल को खिताबी जीत दिलाने में भी जोआओ ने अहम भूमिका निभाई थी। प्राइमरी स्कूल के उनके पहले कोच ही उनके जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा हैं।
यूटीटी के बारे में जोआओ ने कहा, मुझे यूटीटी के बारे में सबसे अच्छी बात यह पसंद है कि यह एक मिश्रित टीम है। इसमें महिला और पुरुष खिलाड़ी शामिल हैं। इस खेल का प्रारूप मुझे अच्छा लगता है, जो इसके मैचों को रोमांचक बनाता है। ऐसे में आपको शुरूआत से ही अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके रखना होता है।
इस लीग के दौरान भारतीय व्यंजनों के स्वाद के बारे में जोआओ की प्रतिक्रिया बेहद अलग है। उन्होंने कहा, भारतीय व्यंजन मेरे लिए पचा पाना मुश्किल है, क्योंकि इसमें काफी मसाले होते हैं। मेरे लिए इन्हें खा पाना मुश्किल होता है। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। मुझे खिलाड़ियों के साथ बात करना और उनके जीवन के बारे में बात करना अच्छा लगता है।
फीफा विश्व कप में जोआओ अपनी राष्ट्रीय फुटबाल टीम पुर्तगाल का समर्थन कर रहे थे। हालांकि, टीम के बाहर होने पर उन्हें काफी निराशा है। उन्हें उम्मीद थी कि पुर्तगाल की टीम फाइनल तक का सफर तय कर पाएगी।