सर्जिकल स्ट्राइक पर गरमाई राजनीति, कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा
नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)| कांग्रेस ने गुरुवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2016 में जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण कर वोट बटोरने का काम किया। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सितंबर 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक का वीडिया जारी होने के बाद यह बयान दिया है, जब सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने के लिए नियंत्रण रेखा को पार किया था।
सुरजेवाला ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सशस्त्रबलों के 70 साल की बहादुरी और बलिदान से भरे इतिहास का अपने भद्दे बयान से अपमान किया है।
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पूर्ववत सोनिया गांधी ने 2016 सर्जिकल स्ट्राइक के लिए केंद्र सरकार और सरकार का समर्थन किया था।
सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय सेना ने बीते दो दशकों में विभिन्न स्थानों पर अत्यंत सटीकता के साथ सर्जिकल स्टाइक किए हैं।
उन्होंने 2016 से पहले हुई आठ सर्जिकल स्ट्राइक का ब्योरा पेश किया।
सुरजेवाला ने कहा, हमें गर्व है कि हमारी सेना ने बीते दो दशकों में कई सर्जिकल स्ट्राइक किए, जिनमें साल 2000 के बाद हुए सर्जिकल स्ट्राइक प्रमुख हैं। 21 जनवरी 2000 को (नडाला एनक्लेव, नीलम नदी के पार), 18 सितंबर 2003 (बारोह सेक्टर, पुंछ), 19 जून, 2008 (भट्टल सेक्टर), 30 अगस्त से एक सितंबर 2011 (शारदा सेक्टर, केल में नीलम नदी घाटी), छह जनवरी 2013 (सावन पत्र चेकपोस्ट), 27 से 28 जुलाई 2013 (नाजापीर सेक्टर), छह अगस्त 2013 (नीलम घाटी), 14 जनवरी 2014, 28 से 29 सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक हुई।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सैनिकों के बलिदान का श्रेय लिया लेकिन वह पाकिस्तान से निपटने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से निपटने की दिशा, ष्टिकोण और नीति प्रदान करने में पूरी तरह असफल रही।
सुरजेवाला ने कहा, कोई आश्चर्य नहीं कि मोदी सरकार की उदासीनता और अक्षमता के परिणामस्वरूप 146 सैनिकों का बलिदान हुआ, पाकिस्तान द्वारा 1,600 से अधिक बार संघर्षविराम का उल्लंघन हुआ और सितंबर 2016 के बाद 79 आतंकवादी हमले हुए।
उन्होंने कहा, मोदी सरकार और भाजपा का द्विअर्थी दृष्टिकोण सुरक्षाबलों को सुरक्षा उपकरण प्रदान कराने और इनके बजट आवंटन में कटौती दोनों संदर्भो मे सौतेला व्यवहार झलकता है।
सुरजेवाला ने कहा, बजटीय कटौती के कारण आयुध कारखाने का खर्च 94 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है जिससे हमारे सैनिकों को मजबूरन अपनी वर्दी, युद्ध संबंधी पोशाक, बेल्ट और जूते खुद खरीदने पड़े।
सुरजेवाला ने कहा कि रक्षा पर संसदीय समिति की रिपोर्ट उड़ी आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षाबलों द्वारा आपातकालीन स्थिति में सैन्य खरीदारी में पैसे की कमी, सर्जिकल स्ट्राइक और चीन के साथ डोकलाम विवाद पर प्रकाश डालती है।