इलाहाबाद बैंक को चालू 5500 करोड़ रुपये वसूली की उम्मीद
कोलकाता, 27 जून (आईएएनएस)| सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि बैंक को चालू वित्त वर्ष 2018-19 में 5,500 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली की उम्मीद है। इलाहाबाद बैंक के कार्यकारी निदेशक एन. के. साहू ने कहा कि बैंक ने केंद्र सरकार को एक योजना सौंपी है, जिसके तहत सब कुछ सुचारु ढंग से चलता रहा तो मार्च 2020 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आरोपित त्वरित सुधार कार्य (पीसीए) से निकलने का अनुमान है।
साहू ने कहा, हमें एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी कानून अभिकरण) में समाधान के जरिए 3,000 करोड़ रुपये की रिकवरी की उम्मीद है और 2,000 करोड़ रुपये की वसूली सामान्य प्रक्रिया के जरिए हो सकती है। इसके अलावा परिसंपत्तियों की बिक्री से 400-500 करोड़ रुपये की वसूली होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, हाल ही में हमने भूषण स्टील और इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स से 1,300 करोड़ रुपये की वसूली की है।
साहू ने कहा कि एनसीएलटी से संबंधित कई खातों में बैंक का 4,000 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें उत्तम गल्वा, आलोक इंडस्ट्रीज, एस्सार स्टील व अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद की जा रही है कि इन खातों से चालू वित्त वर्ष में वसूली हो पाएगी।
साहू ने इलाहाबाद बैंक की सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, हमारे सकल एनपीए का करीब 45 फीसदी एनसीएलटी में है।
बैठक की अध्यक्षता साहू द्वारा की गई, क्योंकि बैंक के निदेशक मंडल ने फैसला किया कि प्रबंध निदेशक व सीईओ उषा अनंतसुब्रह्मण्यम को बैंक के सभी कार्य व जिम्मदारी से मुक्त रखा जाए। यह फैसला पंजाब नेशनल बैंक की 1,300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में केंद्रीय जांच ब्यूरो के आरोपपत्र में उनकी कथित भूमिका को लेकर लिया गया।
बैठक से इतर उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में बैंक को करीब 9,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पूंजी की कुल आवश्यकताओं में बैंक ने सरकार से 7,000 करोड़ रुपये की मांग की है। इसके अलावा 1,900 करोड़ रुपये विभिन्न तरीके से जुटाने की उम्मीद की जा रही है।
वित्त वर्ष 2017-18 के अंत में बैंक का सकल एनपीए 26,562.76 करोड़ रुपये था, जबकि एक साल पहले वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक का सकल एनपीए 20,687.83 करोड़ रुपये था।