बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीएमडी 3000 करोड़ के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार
पुणे, 20 जून (आईएएनएस)| आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अध्यक्ष व प्रबंधन निदेशक (सीएमडी) रवींद्र पी. मराठे को 3,000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किया है।
यह जानकारी बुधवार को एक अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि रवींद्र पी. मराठे ने फर्जी तरीके से पुणे के डीएसके समूह को 3,000 करोड़ रुपये का कर्ज प्रदान किया था।
ईओडब्ल्यू ने बैंक के कार्यकारी निदेशक राजेंद्र के. गुप्ता, अहमदाबाद से जोनल प्रबंधक नित्यानंद देशपांडे और जयपुर से पूर्व सीएमडी सुशील महनोत को भी गिरफ्तार किया है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र का मुख्यालय पुणे में है और यह भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में शुमार है।
पुलिस ने बताया कि डीएस कुलकर्णी समूह के दो अधिकारी चार्टर्ड अकाउंटेट सुनील घटपांडे और उपाध्यक्ष (इंजीनियिरिंग) राजीव नेवास्कर को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है।
मराठे को फर्जी कंपनियों को कर्ज की भारी रकम मंजूर करने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
जांचकर्ताओं के अनुसार, बैंक के कार्यकारी अधिकारियों ने ने डीएसके समूह की मिलीभगत से फजीवाड़े को अंजाम दिया और कर्ज के रूप में बैंक से पैसे निकाले।
गिरफ्तार सभी आरोपियों पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के विभिन्न प्रावधानों और धोखाधड़ी, ठगी, आपराधिक साजिश और विश्वासघात की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुणे स्थित समूह के मालिक डीएस कुलकर्णी और उनकी पत्नी हेमंती को 4,000 निवेशकों से 1,150 करोड़ रुपये की ठगी करने और करीब 2,900 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज के फर्जीवाड़े के आरोप में फरवरी में गिरफ्तार किया गया था।