किम, ट्रंप ने कोरियाई प्रायद्वीप के ‘पूर्ण निरस्त्रीकरण’ पर सहमति जताई
सिंगापुर, 12 जून (आईएएनएस)| उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन ने मंगलवार को सुरक्षा गारंटी के बदले कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण निरस्त्रीकरण पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सहमति जताई।
किम और ट्रंप ने ऐतिहासिक बैठक के बाद एक संयुक्त करार पर हस्ताक्षर किए जिसमें पूर्ण निरस्त्रीकरण पर सहमति की बात कही गई है।
ट्रंप और किम के बीच चार घंटे तक हुई ऐतिहासिक वार्ता के बाद, दोनों देशों ने नए संबंधों के विकास की दिशा में काम करने और क्षेत्र में ‘शांति, समृद्धि और सुरक्षा’ के प्रति प्रतिबद्धता भी जताई।
यह अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के नेता के बीच हुई पहली बैठक थी। दोनों के बीच बैठक सिंगापुर में रिसार्ट द्वीप सेंटोसा के कैपेला होटल में हुई।
समझौते के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने उत्तर कोरिया को सुरक्षा गारंटी मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई और चेयरमैन किम ने कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण निरस्त्रीकरण करने की अपनी मजबूत और दृढ़ प्रतिबद्धता जताई।
इसके अनुसार, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पाम्पिओ वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए ‘बहुत जल्द ही किसी संभावित तिथि’ को तय करने के लिए उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात करेंगे।
बाद में होने वाली इन वार्ताओं के एजेंडे में ‘शांति और समृद्धि के लिए दोनों देशों के लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार अमेरिका-उत्तर कोरिया के बीच नए संबंध स्थापित करने और कोरियाई प्रायद्वीप में स्थायी शांति स्थापित’ करने की प्रतिबद्धता को शामिल किया गया है।
किम और ट्रंप ने स्वीकृति जताई कि इस शिखर सम्मेलन ने दोनों देशों के बीच दशकों से तनाव और शत्रुता से उभरने में मदद की और दोनों देशों के संबंधों के लिए भविष्य के नए दरवाजे खोले।
बयान के अनुसार, सीमावर्ती गांव पनमुनजोम में 27 अप्रैल को तीसरे अंतर-कोरियाई सम्मेलन में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन और किम द्वारा हस्ताक्षरित घोषणा को बैठक के दौरान दोहराया गया, जिसमें उत्तर कोरिया ने कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण निरस्त्रीकरण की दिशा में काम करने को लेकर सहमति जताई थी।
प्योंगयांग और वाशिंगटन ने 1950-53 के कोरियाई युद्ध के दौरान लापता हुए युद्ध कैदियों का पता लगाने और युद्ध ्रबंदियों के अवशेषों को बरामद करने पर प्रतिबद्धता जताई। इसके साथ ही दोनों देशों ने पहचान किए हुए लोगों को तत्काल उनके देश भेजने पर भी प्रतिबद्धता जताई।
दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि मंगलवार को हुआ यह सम्मेलन ‘एक युगांतकारी घटना’ है और साथ ही दोनों नेता ने संयुक्त बयान में वर्णित शर्तों को शीघ्रता और पूर्ण रूप से लागू करने पर सहमति जताई।
सिंगापुर में दोनों नेताओं के बीच यह बैठक दोनों देशों के बीच करीब 70 वर्षो तक शत्रुता, 25 वर्षो तक विफल वार्ता और प्योंगयांग परमाणु कार्यक्रम से उपजे तनाव के बाद हुई है।