मप्र : राजनीति की पिच पर सिंधिया घराने का एक और सदस्य
भोपाल, 12 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की सियासत के साथ क्रिकेट की पिच पर सिंधिया राजघराना लंबे अरसे से सक्रिय रहा है। इसी कड़ी में एक और नाम सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया का भी जुड़ गया है। महाआर्यमन ने क्रिकेट के मैदान के साथ राजनीति की पिच पर भी सक्रिय होना शुरू कर दिया है।
राज्य की सियासत में सिंधिया राजघराने का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में पूरा दखल है। विजयाराजे सिंधिया भाजपा की संस्थापकों में से रहीं, तो माधवराव सिंधिया कांग्रेस के स्तंभ रहे। वर्तमान में वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की मुख्यमंत्री हैं और यशोधरा राजे सिंधिया राज्य की शिवराज सरकार में खेल मंत्री। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के सांसद और राज्य चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हैं। अब ज्योतिरादित्य के पुत्र महाआर्यमन भी राजनीति की दहलीज पर दस्तक दे रहे हैं।
बीते दिनों महाआर्यमन ने गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिलों का दौरा किया और यहां कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। उन्होंने युवाओं के क्रिकेट टूर्नामेंट में पहुंचकर युवाओं से संवाद भी किया। महाआर्यमन ने इस दौरान किसी का नाम लिए बगैर झूठ की राजनीति करने वाले लोगों पर हमला किया और कहा कि अब लोग झूठ बोलकर सत्ता पाने लगे हैं, इसे युवाओं को समझना होगा।
शिवपुरी के पत्रकार रंजीत गुप्ता का कहना है कि इस क्षेत्र में सिंधिया परिवार का प्रभाव है। वे किसी भी दल में रहें, लोग उनके समर्थक हैं। महाआर्यमन के आने से यह बात साफ तौर पर नजर आई। युवाओं का ज्योतिरादित्य के साथ महाआर्यमन के प्रति आकर्षण है, उनकी सक्रियता इस बात का संकेत दे रही है कि देर सवेर वे भी यहां की राजनीति की चुनावी पिच पर जोर आजमाइश करते नजर आ सकते हैं।
माधवराव सिंधिया मध्य प्रदेश क्रिकेट ऐसोसिशन के लंबे अरसे तक प्रमुख रहे हैं और उन्होंने ग्वालियर को क्रिकेट में नई पहचान भी दिलाई है। ठीक इसी तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया एमपीसीए के मुखिया के तौर कमान संभाले हुए हैं। अब महाआर्यमन क्रिकेट के कार्यक्रमों में सक्रिय रहते हैं। क्रिकेट के साथ वे राजनीति के क्षेत्र में भी अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं।
महाआर्यमन की सक्रियता पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि राजनीति में आने के लिए अनुभव जरूरी है और उनके बेटे उस अनुभव को हासिल कर रहे हैं।
महाआर्यमन ने कांग्रेस की किसी सभा और कार्यक्रम में शिरकत नहीं की है, लेकिन उन्होंने स्थानीय कार्यक्रमों में हिस्सा जरूर लिया है। वे युवाओं से लेकर वरिष्ठ लोगों तक से भी मिलते हैं।
महाआर्यमन की सक्रियता को नए सियासी समीकरण के तौर देखा जा रहा है, ज्योतिरादित्य को प्रचार अभियान समिति की कमान सौंपे जाने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में महाआर्यमन भी अहम भूमिका निभाएंगे।