लंदन की द ब्रिटिश लाइब्रेरी में ‘जीजेएलएफ’ महोत्सव शुरू
लंदन, 9 जून (आईएएनएस)| भारत के चर्चित जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ‘जीजेएलएफ’ के लंदन संस्करण की शुरुआत यहां द ब्रिटिश लाइब्रेरी में हुई। लंदन के प्रतिष्ठित साहित्यिक स्थल की ऐतिहासिक जगह को भरने के लिए विश्व के 100 से ज्यादा दिग्गज लेखकों और विचारकों का स्वागत किया गया। महोत्सव का मकसद दक्षिण एशिया की साहित्यिक विरासत, बहुभाषीवाद, मौखिक परंपराओं, कला प्रदर्शन, किताबों और विचारों को प्रदर्शित करना था।
शुक्रवार शाम को यहां ‘ईमेजिनिंग अवर वर्ल्ड्स’ के उद्घाटन संबोधन में महोत्सव के निर्माता संजॉय के. रॉय ने हाजिर व्यक्तियों से खचाखच भरी सभा का स्वागत किया।
उन्होंने कहा, लंदन कला की दुनिया का केंद्र है और यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि हम एक मंच तैयार करें, जहां लेखक साथ आकर बहस, चर्चा और सबसे जरूरी मतभेद जाहिर कर सकें। मतभेदों के माध्यम से हम एक तरह का संवाद और हर किसी के ष्टिकोण की भावना को अभिव्यक्त कर सकते हैं।
महोत्सव की सह-निर्देशक नमिता गोखले ने कहा कि पूरे साल मेहनत करने के बाद ब्रिटिश लाइब्रेरी में इस महोत्सव की शुरुआत होते देखना एक भावनात्मक पल है।
महोत्सव के पहले सत्र ‘इंडिया सूत्र : मैं एक हिंदू क्यों हूं’ पर लेखक-राजनेता शशि थरूर ने गोखले के साथ बातचीत की।
थरूर ने हिंदू धर्म और उसकी सामाजिक प्रथाओं के ‘ष्टिकोण’ के बीच अंतर पर चर्चा की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इसे अक्सर राजनीतिक साधनों के लिए बिगाड़ा जाता है।
उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म का राजनीतिक रूप से उपयोग करना गलत है। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता, फिर भी ऐसा किया जा रहा है।
इस साल लंदन में आयोजित इस महोत्सव की पांचवीं सालगिरह है।