भारत दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्रों से सीधा सड़क संपर्क शुरू कर रहा : राष्ट्रपति
अगरतला, 7 जून (आईएएनएस)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि एक्ट ईस्ट नीति के तहत भारत ने संपर्क (कनेक्टिविटी) बढ़ाने के लिए दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्रों के साथ सीधे सड़क संपर्क शुरू किए हैं। दक्षिणी त्रिपुरा में माताबाड़ी से साब्रूम तक 73 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद राष्ट्रपति ने कहा, एक्ट ईस्ट नीति के तहत भारतीय सरकार ने विभिन्न परियोजनाएं और योजनाएं शुरू की हैं। नीति के तहत कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए म्यांमार, थाइलैंड, मलेशिया और दक्षिणपूर्व एशिया के अन्य देशों के साथ सीधे सड़क लिंक शुरू किए जा रहे हैं।
कोविंद ने कहा कि फेनी नदी पर निर्माणाधीन पुल के पूरा होने के बाद, एनएच-8 का माताबाड़ी-साब्रूम भाग त्रिपुरा को सीधे बांग्लादेश के साथ सड़क से जोड़ देगा और पूर्वोत्तर राज्यों को चटगांव समुद्री बंदरगाह तक पहुंचने में भी मदद करेगा।
त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय और मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब राष्ट्रपति के साथ मौजूद थे। इन्होंने भी समारोह को संबोधित किया।
राष्ट्रीय राजमार्ग-8 त्रिपुरा को असम और मेघालय के माध्यम से देश से जोड़ता है। इसका विस्तार सीमावर्ती शहर सब्रूम तक किया जाएगा। यहां से चटगांव की दूरी मात्र 72 किलोमीटर रह जाएगी।
कोविंद ने कहा कि देश के विभाजन के बाद त्रिुपरा और कोलकाता के बीच दूरी 1,700 किलोमीटर तक बढ़ गई है।
उन्होंने कहा, निमार्णाधीन अगरतला-अखौरा (बांग्लादेश) रेल लिंक के तहत, पूर्वोत्तर भारत बांग्लादेश रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा। सड़क और रेल लिंक के विकास के साथ पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश दोनों को बहुत फायदा होगा।
राष्ट्रपति अपनी पत्नी सविता कोविंद के साथ गुरुवार को त्रिपुरा की अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे और दक्षिणी त्रिपुरा व अगरतला के कई कार्यक्रमों में भाग लिया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार के लिए पूर्वोत्तर का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा 5,200 किलोमीटर की सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। इस क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास और उन्नयन भारतमाला परियोजन के कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में पर्यटन के विकास की विशाल संभावनाएं हैं।