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प्लास्टिक कंपनियां अपने कचरे की जिम्मेदारी लें : ग्रीनपीस इंडिया

नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)| विश्व पर्यावरण दिवस पर प्लास्टिक प्रदूषण की थीम का प्रचार करते हुए ग्रीनपीस इंडिया ने सोमवार को प्लास्टिक इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को कठोर संदेश देते हुए उनसे प्लास्टिक कचरे की जिम्मेदारी लेने की मांग की। ग्रीनपीस ने एक बयान में कहा, पैकेजिंग उद्योग सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा उत्पादित करते हैं। इनमें बोतल, कैप, खाने का पैकेट, प्लास्टिक बैग आदि शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार समुद्र को प्रदूषित करने वाले शीर्ष पांच प्रदूषकों में से चार पैकेजिंग उद्योग से निकलने वाला प्लास्टिक है।

ग्रीनपीस इंडिया की निदेशक दिया देब ने कहा, भारत में 24,940 टन प्लास्टिक कचरा प्रतिदिन निकलता है। यह बहुत जरूरी है कि हम एकबार इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक के बारे में सोचें, नहीं तो प्लास्टिक हमारी पूरी पारस्थितिकीय तंत्र को खत्म कर देगा। पुन:उपयोग (रि-साइकिल) की क्षमता होने के बावजूद कंपनियों द्वारा एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक का बड़ा हिस्सा कचरा ही बनता है।

उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि वैश्विक स्तर पर 90 प्रतिशत प्लास्टिक को रिसाइकिल ही नहीं किया जाता है और अंत में यह सारा कचरा पर्यावरण के लिये नुकसानदेह साबित होता है।

दिया देब ने कहा, चाहे सुपरमार्केट में पैकेजिंग हो या हमारे घर में। प्लास्टिक का इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है और अब वक्त आ गया है कि प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाई जाए। हम एक ऐसी दुनिया में रहे हैं जो प्लास्टिक मुक्त था, और अब वैसी दुनिया बनाने के लिए देश के नागरिकों और समूहों को एकजुट होकर कंपनियों से सवाल पूछना होगा और उनसे इस समस्या से निदान करने की मांग करनी होगी।

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