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पर्यावरण की रक्षा हमारा नैतिक कर्तव्य : हर्षवर्धन

नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि पर्यावरण की रक्षा सबका नैतिक कर्तव्य है और इसे पूरा करने के लिए सबको आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई कचरा नहीं है, जिसका प्रबंध नहीं किया जा सकता, मगर इसके लिए लोगों को पर्यावरण हितैषी कार्य में अपनी भागीदारी देनी होगी। डॉ. हर्षवर्धन यहां विश्व पर्यावरण दिवस से एक दिन पहले सोमवार को विज्ञान भवन में आयोजित राज्य पर्यावरण मंत्री सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, पर्यावरण की रक्षा हम सबका नैतिक कर्तव्य है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा, भारत में प्लास्टिक का 25,000 टन कचरा रोज पैदा होता है, जिसके 60 फीसदी का ही प्रबंधन हो पाता है, बाकी 40 फीसदी या तो नदियों या सागरों में बहा दिए जाते हैं, या फिर अन्य जगहों पर फेंक दिए जाते हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने अपने ग्रीन गुड कैंपेन का जिक्र किया और कहा कि लोग बिना किसी खर्च के सैकड़ों पर्यावरण हितैषी कार्य कर सकते हैं, जिनसे पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है। इस मौके पर परिचर्चा के दौरान प्लास्टिक के कप, ग्लास, थाली आदि के उत्पादन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के विकल्प को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि लोग नुकसान देह प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग खुद करना छोड़ दें। इससे उत्पादन आप ही आप रुक जाएगा। उन्होंने कहा, मांग नहीं होगी तो उत्पादन नहीं होगा। मगर इसके लिए लोगों जागरूक करना होगा।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रतिबंध सैद्धांतिक रूप से ठीक है, मगर यह व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे समस्या पैदा होगी।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस साल संयुक्त राष्ट्र ने पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी है और इस साल जितनी प्रमुखता से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है, उतनी प्रमुख से आज तक कभी नहीं मनाया गया।

उन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत सरकार की ओर से की गई पहलों का जिक्र करते हुए कहा, सरकार ने 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही सरकार को 2030 तक सभी वाहनों को बिजली चालित वाहन में तब्दील करने का लक्ष्य हासिल करना है।

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन सचिव सी. के. मिश्रा के अलावा विभिन्न राज्यों के पर्यावरण मंत्री व अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के कार्यकारी निदेशक एरिक सोल्हीम भी मौजूद थे।

महेश शर्मा ने भी लोगों से प्लास्टिक की बोतल, ग्लास आदि का उपयोग न करने की अपील की और कहा कि इनका रिसाइकल किया जाना चाहिए।

इस मौके पर पर्यावरण मंत्री ने नेशनल ज्योग्राफी पत्रिका की पहले प्लास्टिक कवर रहित अंक का लोकार्पण किया।

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