रायपुर का ऑक्सीजोन नालंदा-तक्षशिला की याद दिलाता है : रमन
रायपुर, 3 जून (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राजधानी रायपुर में नालंदा परिसर के रूप में लोकार्पित ऑक्सी (रीडिंग) जोन छत्तीसगढ़ में अध्ययन का एक ऐसा सुंदर केंद्र है, जिसे देखकर प्राचीन भारत के नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों के वैभव की याद आती है।
डॉ. सिंह ने शनिवार रात रायपुर के जीई रोड पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के पास निर्मित नालंदा परिसर का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने समारोह में कहा कि दुनिया में रायपुर नालंदा परिसर जैसा अनूठा शैक्षणिक परिसर और ऑक्सी रीडिंग जोन देखने को नहीं मिलेगा। यहां युवाओं को सर्दी, गर्मी और ठंड हर मौसम में प्रकृति के अनुकूल और प्रकृति के सानिध्य में पढ़ने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने आरएफ आईडी कार्ड से प्रवेश कर इसका औपचारिक शुभारंभ किया। उन्होंने नालंदा परिसर में इंडोर अध्ययन के लिए बनाए गए यूथ टॉवर और आउटडोर कैम्पस का भम्रण कर इसकी सराहना की। उन्होंने नालंदा परिसर की कल्पना और बेहतरीन तथा अदभूत निर्माण के लिए जिला कलेक्टर ओ.पी.चौधरी सहित जिला खनिज न्यास और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सभी सदस्यों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि नालंदा परिसर जैसा कार्य पीढ़ियों का निर्माण करता है। यह छत्तीसगढ़ के युवाओं के सुनहरे भविष्य निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा। रायपुर को स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि मैंने देश और विदेश में बहुत से विश्वविद्यालय के कैम्पस देखा है परंतु नालंदा परिसर का कैम्पस अपने आप में अदभूत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद रमेश बैस ने कहा कि रायपुर शहर अब देश का एक एजुकेशन हब के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर रहा है। इसमें नालंदा परिसर का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज रायपुर बदल रहा है अब यहां के बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नेतृत्व में यहीं पर ही उन्हें वल्र्ड क्लास की शिक्षा सुविधाएं मुहैया हो रही है।
कलेक्टर ओ.पी.चौधरी ने नालंदा परिसर के बारे में बताया कि रायपुर सहित प्रदेश के युवाओं को संघ और राज्य लोक सेवा आयोग सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयुक्त संसाधन और वातावरण मुहैया कराकर उनके चयन के अवसर बढ़ाने के लिए 6 एकड़ क्षेत्र में करीब 18 करोड़ की लागत से वल्र्ड क्लास सुविधाओं से युक्त नालंदा परिसर का निर्माण किया गया है।
इसमें जिला खनिज न्यास निधि से 15.21 करोड़ रूपए तथा छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से 2.44 करोड़ की राशि प्रदान कर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से यह विकास कार्य किया गया है।
यह 24 घंटे और सातों दिन संचालित होगा। इसमें पढ़ने के लिए इंडोर और आउटडोर रीडिंग की व्यवस्था की गई है। एक ही समय पर 1000 लोग अध्ययन कर सकेंगे। यहां लाइब्रेरी के लिए 1.5 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विषयों की 50 हजार पुस्तकों की खरीदी की गई है।
इसी तरह 112 हाइटेक कम्प्यूटर की ई-लाइब्रेरी 100 एमबीपीएस स्पीड की लीजलाइन बनाई गई है, ताकि युवा आसानी से ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। पूरे परिसर को फ्री वाई-फाई जोन के रूप में विकसित किया गया है। यहां 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड के साथ ही सदस्यों के प्रवेश के लिए आरएफ आईडी कार्ड की व्यवस्था की गई है।
नालंदा परिसर में आउटडोर अध्ययन के लिए इसके कैम्पस को बायो डायवर्सिटी युक्त गार्डन के रूप में विकसित किया गया है। कैम्पस में 18 गजिबो, परगोलास और केनोपी को इंटरेटिव जोन के रूप बनाया गया है। आउटडोर रीडिंग के दौरान युवा प्रकृति के सानिध्य में अध्ययन का आनंद उठा सकेंगे।
इस परिसर में एक फैसिलिटी प्लाजा भी बनाया गया है यहां अध्ययन करने वालों के लिए स्टेशनरी, बुक स्टॉल, मेडिकल और रेस्टारेंट आदि रहेंगे जो 24 घंटे संचालित किए जाएंगे। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्यों के लिए इसका मासिक शुल्क 200 रुपये रखा गया है जबकि अन्य सदस्यों के लिए 500 रुपये है।