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छत्तीसगढ़ ने शपथपत्र देकर पोलावरम समझौते पर सहमति जताई

जगदलपुर, 3 जून (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ सरकार ने पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी पर निर्माणाधीन पोलावरम (इंदिरासागर) अंतर्राज्यीय परियोजना के लिए अविभाजित मध्यप्रदेश के समय 40 साल पहले हुए अंतर्राज्यीय समझौते और 38 साल पुराने गोदावरी जल विवाद अभिकरण द्वारा पारित अनुबंध पर छत्तीसगढ़ शासन ने सहमति जताई है।

छत्तीसगढ़ शासन ने मई के अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र देकर समझौते और अनुबंध को मानने की बात कही है। शपथपत्र छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव की ओर से दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने पोलावरम के संबंध में अप्रैल 2007 में ओडिशा शासन की ओर से आंध्रप्रदेश व अन्य के खिलाफ दायर पिटीशन की सुनवाई करते हुए समझौते में शामिल पक्षों से शपथपत्र के माध्यम से अनुबंध पर पक्ष बताने को कहा था।

विदित हो कि छत्तीसगढ़ ने खुद भी निर्माण में समझौते का उल्लघंन करने का आरोप आंध्रप्रदेश पर लगाते हुए 20 अगस्त 2011 को सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर किया है। सुकमा जिले में पोलावरम परियोजना को लेकर जमकर विरोध हो रहा है। आशंका जताई जा रही है कि पोलावरम परियोजना के निर्माण से सुकमा जिले के कोंटा सहित 18 बसाहट क्षेत्र और करीब सात हजार हेक्टेयर जमीन सबरी नदी में आने वाले बांध के बैक वाटर से डूब जाएगी।

महानदी परियोजना के मुख्य अभियंता एस.वी. भागवत ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने शपथपत्र देकर पोलावरम पर अंतर्राज्यीय समझौते व अनुबंध पर सहमति दी है। उन्होंने कहा, हमारा विरोध समझौते का उल्लंघन कर परियोजना के निर्माण से है। इसके लिए छत्तीसगढ़ ने अगस्त 2011 में सुप्रीम कोर्ट में अलग से रिट पिटीशन दायर किया है।

उन्होंने बताया कि पोलावरम परियोजना के लिए अविभाजित मध्यप्रदेश के समय तत्कालीन जनता पार्टी की सरकार के समय सात अगस्त 1978 को अंतर्राज्यीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके दो साल बाद दो अप्रैल, 1980 को गोदावरी जल विवाद अभिकरण की ओर से एक अनुबंध पारित किया गया था। इसमें सुकमा जिले में डूबान का अधिकतम जलस्तर बैक वाटर प्रभाव सहित 150 फीट रखने पर सहमति हुई थी।

साथ ही अनुबंध में कहा गया था कि सुकमा क्षेत्र में भी 150 फीट के उपर स्थित समस्त भवनों व भूमि का मुआवजा भुगतान तथा विस्थपितों का पुनर्वास आंध्रप्रदेश उसी प्रकार करेगा जैसा कि 150 फीट के नीचे आने वाले डूबान क्षेत्र के लिए किया जाएगा या आंध्रप्रदेश राज्य स्वयं के व्यय पर आवश्यक सुरक्षात्मक तटबंधों का निर्माण व रखरखाव पर्याप्त पंप व्यवस्था सहित करेगा। दोनों विकल्पों में किसी एक का चयन छत्तीसगढ़ राज्य परियोजना के निर्माण के समय कर सकेगा।

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