भारत, इंडोनेशिया ने संबंध मजबूत किए, आतंकवाद की निंदा की
जकार्ता, 30 मई (आईएएनएस)| भारत और इंडोनेशिया ने अपने संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान करते हुए बुधवार को एक नई समग्र रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने पर सहमति जताई और सीमा-पार से आतंकवाद समेत आंतकवाद के सभी रूपों की निंदा की।
इसके साथ ही दोनों देशों ने कट्टरता और हिंसक अतिवाद को समाप्त करने के लिए एक अंतर-आस्था वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो के बीच बुधवार को द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-इंडोनेशिया समुद्री सहयोग के साझा दृष्टिकोण पर सहमति बनी, जिसके अंतर्गत हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला, पारदर्शी और नियम आधारित बनाने का उद्देश्य रखा गया, जहां संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो।
विश्व के सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में मोदी के पहले दौरे के दौरान प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि अंतर-आस्था वार्ता धार्मिक पहचान की नई समझ, कट्टरता, आतंकवाद और हिंसक अतिवाद को समाप्त करने को लेकर दोनों देशों की संयुक्त वचनबद्धता का प्रतिबिंब है।
दोनों नेताओं ने इस वर्ष अक्टूबर में अंतर-आस्था वार्ता आयोजित करने पर सहमति जताई, जिसके बाद अगले वर्ष भी इसी तरह की वार्ता होगी।
मोदी और वीदोदो ने सीमा पार आतंकवाद, दोनों देशों में आतंकवाद संबंधी सभी घटनाओं समेत आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की और साथ में सहमति जताई की इन जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को कानून की जद में लाया जाएगा। दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि आतंकवाद को किसी भी धर्म, नस्ल, राष्ट्रीयता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
संयुक्त बयान में मोदी ने इस माह की शुरुआत में इंडोनेशिया में हुई आतंकवादी घटना की निंदा की और कहा कि भारत इंडोनेशिया सरकार और उसके लोगों के साथ खड़ा है।
अपने रणनीतिक संबंधों में महत्वपूर्ण वृद्धि करते हुए भारत और इंडोनेशिया ने रक्षा सहयोग सहित 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
रक्षा सहयोग समझौते में नियमित द्विपक्षीय वार्ता व साझा हित के सैन्य मुद्दों व सामरिक रक्षा पर सलाह, सामरिक जानकारी का आदान-प्रदान, सैन्य शिक्षण, प्रशिक्षण व अभ्यास, सेना, नौसेना, वायुसेना व अंतरिक्ष सहित सशस्त्र सेनाओं के बीच सहयोग की घोषणा की गई।
दोनों नेताओं ने अधिकारियों को उपकरणों, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, प्रौद्योगिकी सहायता और रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में संयुक्त उत्पादन के लिए दोनों देशों के रक्षा उद्योगों में परस्पर लाभकारी सहयोग का विस्तार करने के निर्देश दिए।
दोनों नेताओं ने अपने साझा दस्तावेज में, समुद्री सुरक्षा, शांति, स्थिरता व सतत आर्थिक विकास के लिए सुरक्षा की जरूरत पर जोर दिया।
मोदी ने मीडिया से कहा कि भारत के एक्ट ईस्ट नीति, द सागर(क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) पहल वीदोदो के ग्लोबल मेरीटाईम फलक्रम से मिलता-जुलता है।
मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष 2025 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाएंगे।
दोनों पक्षों ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप और इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में व्यापार, पर्यटन समेत अन्य गतिविधियों के लिए सपर्क बढ़ाने पर जोर दिया।
दोनों पक्षों ने शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए वाह्य अंतरिक्ष के इस्तेमाल व खोज में सहयोग के लिए एक कार्ययोजना समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।
इस समझौते के अनुसार, दोनों पक्ष अंतरिक्ष विज्ञान, बाह्य अंतरिक्ष की खोज, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग, बाहरी अंतरिक्ष से पृथ्वी के पर्यावरण की निगरानी और रिमोट सेंसिंग, आपसी लाभ के लिए इंडोनेशिया के एकीकृत बायैक ग्राउंड स्टेशन का उपयोग, इंडोनेशिया में भारतीय ग्राउंड स्टेशन की स्थापना के लिए मिलकर काम करेंगे।
इसके साथ ही लापान (इंडोनेशिया का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस) निर्मित उपग्रहों की लांच सेवाओं के लिए सहयोग व अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में संयुक्त शोध व विकास गतिविधियां शामिल हैं।
दोनों पक्षों ने वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग, रेलवे क्षेत्र में तकनीकी सहयोग, स्वास्थ्य सहयोग और आर्थिक, व्यापार और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने सहित 12 ज्ञापन समझौतों (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए।
दोनों पक्षों ने 2019-20 में कूटनीतिक संबंधों के 70 साल पूरे होने पर जश्न मनाने की गतिविधियों की एक अलग योजना पर हस्ताक्षर किए।
बुधवार को बैठक के बाद, मोदी और वीदोदो ने एक पतंग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी का थीम महाभारत और रामायण था।
मोदी तीन देशों की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के पहले चरण में यहां मंगलवार को पहुंचे। इसके बाद मोदी मलेशिया व सिंगापुर जाएंगे।