IANS

पुराने रोगों के निदान में ‘लैब ऑन ए चिप’ ज्यादा कारगर

सिडनी, 28 मई (आईएएनएस)| अन्वेषकों ने एक नई तकनीक ‘लैब ऑन ए चिप’ विकसित की है, जो खुलासा करती है कि मानव कोशिकाएं कैसे आपस में संपर्क करती हैं।

यह तकनीक कैंसर और स्वप्रतिरोधी तंत्र में गड़बड़ी के इलाज की नई राह खोल देती हैं। शोधकर्ताओं ने एक सूक्ष्म संवेदनशील ओप्टोफ्लूडिक बायोसेंसर बनाया है जो वैज्ञानिकों को एकल कोशिकाओं को अलग करने, कम से कम 12 घंटों तक वास्तविक समय में उनका विश्लेषण करने और उनके व्यवहार का निरीक्षण करने की सुविधा देता है।

ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न स्थित आरएमआईटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अर्नान मिशेल ने कहा कि एकल कोशिका का विश्लेषण करने से बीमारियों के नए इलाज की प्रबल संभावना है, लेकिन प्रभावशाली विश्लेषण तकनीकों की कमी के कारण अनुसंधान प्रगति नहीं कर पा रहा था।

उन्होंने कहा कि नया बायोसेंसर एक ऐसा शक्तिशाली उपकरण है जो हमें कोशिका के संचार और व्यवहार की व्यापक जानकारी देता है। इससे बीमारियों के उपचार के नए तरीके विकसित किए जा सकेंगे।

उन्होंने कहा, अगर हम कोशिकाओं के व्यवहार की स्पष्ट रूपरेखा देखते हैं तो इससे हमें अच्छी कोशिकाओं को खराब कोशिकाओं से अलग करने में मदद मिलेगी।

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