IANS

हमेशा अपने व्यक्तित्व के अनुरूप काम करूंगी : करीना

मुंबई, 28 मई (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान के फिल्मों और किरदारों के चुनाव पर उनकी शादीशुदा होने और उनके मां बनने का कोई फर्क नहीं पड़ा है और न ही पड़ेगा।

फिल्म के लिए जीरो फिगर हासिल करने से लेकर गर्भावस्था में रैंप पर चलने तक, सबसे बड़े फिल्मी परिवार ‘कपूर खानदान’ से आने वाली अभिनेत्री हमेशा मुखर रही हैं।

मां बनने के बाद फिल्म चुनने या नृत्य करने से पहले विचार करने के सवाल पर करीना ने आईएएनएस से कहा, बिल्कुल नहीं, मेरा मतलब है कि गानों और नृत्य में कुछ गलत नहीं है। इससे आपकी इज्जत कम नहीं हो जाएगी। हम फिल्मी परिवार से आते हैं और हमारी फिल्में गानों और नृत्य के लिए जानी जाती हैं.. इसलिए मैं हमेशा वही करूंगी, जो मुझे सही लगेगा, मेरे व्यक्तित्व और करियर के लिए सही होगा।

उन्होंने कहा, मैं फिल्मों को पहले जितना समय नहीं दे पाऊंगी, इसलिए मैं ऐसी फिल्म में काम करना चाहूंगी, जो 50 दिन में पूरी हो जाए। इसलिए मैं अब शायद एक साल में दो-तीन फिल्में नहीं कर पाऊं, लेकिन मैं प्रतिवर्ष एक फिल्म करना चाहूंगी।

करीना कपूर खान अभिनेता सैफ अली खान की पत्नी हैं, जिनका तैमूर अली खान नामक एक बेटा है।

करीना पहले ‘इट्स रॉकिंग’, ‘मरजानी’, ‘फेवीकॉल से’ और ‘मेरा नाम मैरी है’ जैसे गीतों पर नृत्य कर चुकी हैं।

करीना (37) अपने 18 साल के करियर में फिल्मों के चुनाव में प्रयोगात्मक रहीं हैं। चाहे वह ‘यादें’, ‘चमेली’, ‘युवा’ और ‘ओमकारा’ जैसी फिल्में हों या ‘जब वी मेट’, ‘3 इडियट्स’, ‘गोलमाल 3’, ‘सिंघम रिटर्न्स’ और ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी विशुद्ध व्यावसायिक फिल्में।

उनकी नई फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ एक जून को रिलीज हो रही है, जिसमें उनके अलावा सोनम कपूर, स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।

जे.पी. दत्ता की ‘रिफ्यूजी’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर चुकीं करीना ने ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘असोका’, ‘हलचल’, ‘डॉन’, ‘हीरोइन’ और ‘उड़ता पंजाब’ जैसी फिल्मों में भी काम किया है।

उन्होंने कहा, मैं फिल्मी दुनिया में कलाकार की पहचान पाने के लिए आई थी, इसके बाद स्टार। इसलिए मैं चाहती हूं कि फिल्म की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के बावजूद लोग मेरा काम याद रखें।

अभिनेत्री के हालिया बयान मैं समानता में विश्वास करती हूं। मैं यह नहीं कहूंगी कि मैं नारीवादी हूं। का सोशल मीडिया पर मजाक बनाया गया था।

नारीवाद की परिभाषा पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इसकी गलत व्याख्या की गई है। मेरा मतलब है, सोशल मीडिया पर कई लोग इस शब्द का गलत फायदा उठाते हैं। नारीवाद का मतलब समानता है, और इसका मतलब यह नहीं कि कोई किसी से बेहतर है। इसका मतलब सभी को समान अधिकार से है।

शशांका घोष निर्देशित ‘वीरे दी वेडिंग’ में एक तरह से आधुनिक भारतीय महिलाओं की छवि पर रोशनी डालने की कोशिश की गई है।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close