इलायची की ई-नीलामी की ऑनलाइन भुगतान प्रणाली शुरू करेगा स्पाइसेस बोर्ड
कोच्चि, 28 मई (आईएएनएस)| इलायची की ई-नीलामी को अधिक सुव्यवस्थित बनाने के लिए स्पाइसेस बोर्ड ने एक ऑनलाइन भुगतान प्रणाली ‘एस्क्रो’ बनाने की योजना बनाई है।
इस प्रणाली के तहत मसाले के कृषकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और ऑनलाइन या मोबाइल ऐप के जरिये लेन- देन की जानकारी मुहैया कराई जाएगी। यह नई प्रणाली स्पाइसेस बोर्ड को खरीदारों (डीलरों) के द्वारा किए जाने वाले भुगतान/लेन-देन के प्रवाह और बकाया भुगतान, विक्रेताओं (उत्पादाकों) को किए जाने वाले भुगतान एवं उनके बकाया भुगतान व नीलामीकर्ता को भुगतान किए जाने वाले कमीशन शुल्क आदि पर निगरानी करने में सक्षम बनाएगी।
इसके लिए खरीदारों, विक्रेताओं और नीलामीकर्ताओं को ऑनलाइन प्रणाली में एक बार पंजीकरण कराने की जरूरत होगी। पंजीकरण करने पर एक विशिष्ट आईडी एवं पासवर्ड मिलेगा। बोर्ड छोटे एवं मंझोले उत्पादकों को एक बार पंजीकरण करने में मदद करेगा। यह तीनों वर्ग ऑनलाइन या मोबाइल एप के जरिए अपने लेन-देन के भुगतान की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे।
स्पाइसेस बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. ए. जयतिलक ने कहा, प्रस्तावित मॉडल में अधिक पारदर्शिता लाकर, समय पर भुगतान को सुनिश्चित करके और निगरानी तंत्र स्थापित करके इलायची की ई-नीलामी को अधिक से अधिक कुशल एवं कारगर बनाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा, बोर्ड ने इलायची की ई-नीलामी की प्रस्तावित भुगतान प्रणाली के बारे में विक्रेताओं, डीलरों (खरीदारों) और नीलामीकर्ताओं से उनकी राय मांगी है।
प्रस्तावित प्रणाली के तहत, नीलामीकर्ता द्वारा दिए जाने वाले फार्म ‘सी’ को प्रणाली में अपलोड किया जाएगा। खरीदार किसी खास खेप के लिए दिए गए चालान का भुगतान करेगा और इस प्रणाली के जरिए भुगतान अपने आप विक्रेता के खाते में जमा हो जाएगा और साथ ही साथ इस रकम से कमीशन शुल्क कट जाएगा जो कि नीलामीकर्ता के खाते में जमा हो जाएगा।
इस प्रकार, एक बार जब खरीदार भुगतान प्रणाली के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था कर देगा तो वह राशि खरीदार द्वारा भुगतान किए जाने के एक कार्यकारी दिवस के भीतर विक्रेता के बैंक खाते में जमा हो जाएगी।
डॉ. जयतिलक ने कहा, इससे खरीदार द्वारा भुगतान में देरी किए जाने की आशंका दूर हो जाएगी, नीलामीकर्ता की परेशानी दूर होगी और विक्रेता को सही समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा।