डाक्टरों के खिलाफ हिंसा पर लगाम जरूरी, नहीं तो बिगड़ेंगे हालात : आईएमए
नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)| इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने केंद्र और राज्य सरकारों से चिकित्सकों के खिलाफ होने वाली हिंसा पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।
आईएमए ने कहा कि अगर हिंसा जारी रही तो हो सकता है कि आने वाले समय में चिकित्सक अस्पतालों में गंभीर मरीजों को इलाज करने से इंकार कर दें, जिससे देश में स्वास्थ्य और चिकित्सा की स्थिति बिगड़ सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय संगोष्ठी में आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेडकर ने कहा कि चिकित्सकों के खिलाफ होने वाली हिंसा के कारण आज देश भर के चिकित्सक डर के माहौल में रह रहे हैं और ऐसा ही जारी रहा है तो आने वाले समय में हो सकता है कि अस्पतालों में चिकित्सक गंभीर मरीजों का इलाज करने से इंकार कर दें और यह देश के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होगा।
उन्होंने कहा, भारत में चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी हिंसा के कारण सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों पर मौजूद तनाव ने चिकित्सा की गुणवत्ता और अस्पताल के भीतर मरीजों की भर्ती की स्थिति को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। हालांकि डॉक्टर मरीजों की देखभाल को अपना दायित्व समझते हैं लेकिन इसके बावजूद डाक्टरों में गुस्सा है और इसे तत्काल दूर किया जाना चाहिए।
आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विनय अग्रवाल ने कहा, भारत की स्थिति एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है और सरकार को एक मजबूत और प्रभावी केंद्रीय चिकित्सा अधिनियम लाकर इसमें तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए। 17 राज्यों में डॉक्टरों और अस्पतालों पर हिंसा के खिलाफ कानून हैं।
उन्होंने कहा, हालांकि इसके खराब कार्यान्वयन, पुलिस कर्मियों के अपर्याप्त ज्ञान, कमजोर अधिनियमों आदि के कारण इन राज्यों के मेडिकेयर एक्ट पूर्ण रूप से अप्रभावी हैं। मेडिकेयर एक्ट की खराब और अप्रभावी स्थिति को दूर करने के लिए तुरंत केंद्रीय कानून बनाया जाना जरूरी है।
आईएमए के महासचिव डॉ. आर. एन. टंडन ने कहा, आईएमए ने नैतिक तौर-तरीकों, रोगियों और रिश्तेदारों के साथ स्वस्थ संवाद और आरोपों में पारदर्शिता, अस्पताल परिसर में सलाहकार आदि जैसे नैतिक व्यवहारों की वकालत की है। रोगी सहायता समूह, शिकायत निवारण तंत्र, रोगियों के अधिकार और जिम्मेदारियों को लागू किया जा रहा है। लेकिन किसी भी कीमत पर चिकित्सक समुदाय के खिलाफ हिंसा सभ्य समाज में स्वीकार नहीं की जा सकती है।
इस सम्मेलन में दिल्ली और देशभर के 200 से अधिक चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। इसका उद्घाटन दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने किया।