भारत, नीदरलैंड विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार, सहयोग बढ़ाने पर सहमत
नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके नीदरलैंड के समकक्ष मार्क रूट के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद गुरुवार को भारत व नीदरलैंड द्विपक्षीय व्यापार व विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने व निवेश बढ़ाने पर सहमत हुए।
इसमें कृषि व खाद्य प्रसंस्करण, जल प्रबंधन व विज्ञान व प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं।
भारत व नीदरलैंड के सीईओ की राउंड टेबल बैठक व इसके बाद द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के बाद रूट के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि नीदरलैंड की सैकड़ों कंपनियां भारत में कई सालों से काम कर रही है।
उन्होंने कहा, नीदरलैंड अब तक भारत में कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत है।
उन्होंने कहा, हाल के समय में यह तीसरे सबसे बड़े स्रोत के रूप में उभरा है।
मोदी ने कहा कि इसी तरह से नीदरलैंड भारतीय कंपनियों के लिए एक आकर्षक निवेश गंतव्य है।
विदेश मंत्रालय से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत और नीदरलैंड के बीच (अप्रैल 2017-फरवरी 2018) 7.621 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है।
दोनों देशों के सीईओ के साथ बातचीत को उपयोगी बताते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, मैं खुश हूं कि नीदरलैंड का व्यापार समुदाय भारत में नए मौकों को लेकर उत्साही है। मैंने उन्हें आर्थिक सुधारों के अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता का भरोसा दिया है।
अपनी तरफ से रूट ने कहा कि भारत व नीदरलैंड के बीच संबंध आर्थिक व राजनीतिक पक्षों पर बहुत नजदीक हुए हैं।
उन्होंने कहा, नीदरलैंड में सक्रिय बहुत सी कंपनियां हमें ज्यादा सफल व बेहतर समाज बनाने में मदद कर रही हैं।
शिखर सम्मेलन के बाद जारी किए गए एक संयुक्त बयान के अनुसार, मोदी और रूट ने व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र की भूमिका को स्वीकार किया और भारत की प्रमुख पहलों जैसे मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के तहत भारत-नीदरलैंड सहयोग के अवसरों को रेखांकित किया।
बयान में कहा गया, भविष्य के सहयोग को बढ़ाने में युवाओं की भूमिका को उजागर करते हुए नेताओं ने इनवेस्ट इंडिया और दिल्ली के नीदरलैंड दूतावास की पहल स्टार्टअपलिंक की शुरुआत का स्वागत किया।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के लिए कृषि और खाद्य प्रसंस्करण विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह देश की खाद्य सुरक्षा से जुड़ा हैं।
उन्होंने कहा, इसका भारतीय किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विशेष महत्व है।
नीदरलैंड का इस क्षेत्र में बड़ा अनुभव होने की बात कहते हुए उन्होंने खुशी जाहिर की भारत-नीदरलैंड सब्जी उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन वेजिटेबल्स) ने महाराष्ट्र के बारामती में काम शुरू कर दिया है।
मोदी ने कहा, हम इस तरह के और केंद्र स्थापित करने पर काम कर रहे हैं।
नीदरलैंड के भारत में शहरी विकस में भूमिका को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली व वडोदरा में जल प्रबंधन परियोजनाएं अच्छे से प्रगति कर रही हैं।
संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत-नीदरलैंड जल सहयोग में नवाचार, प्रौद्योगिकी और नियंत्रण प्रमुख तत्व हैं। दोनों देशों के संबंधित संस्थानों ने हिंडन बेसिन में ठोस अपशिष्ट और अपशिष्ट जल की वेस्ट2 वेल्स परियोजना के लिए हाथ मिलाया है। इसके साथ ही कानपुर व उन्नाव के चमड़ा उद्योग में सहयोग के लिए पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों अपनाने व उत्तर प्रदेश के गन्ना उद्योग में बेहतरीन कृषि उपयोग के जरिए जल के संरक्षण की बात शामिल है।
इसमें कहा गया, दोनों पक्ष स्वच्छ गंगा अभियान पर ध्यान केंद्रित करते हुए जून 2017 में हस्ताक्षर किए गए जल प्रबंधन के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन (समझौता ज्ञापन) के तहत सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
नीदरलैंड के प्रधानमंत्री ने गुरुवार के शिखर सम्मेलन के बाद मोदी की मौजूदगी में भारत द्वारा शुरू किए गए इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) के फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए।
मोदी ने कहा कि नीदरलैंड द्वारा अर्जित प्रौद्योगिकी, अनुभव और निपुणता के लाभ को पूरी दुनिया के साथ साझा किया जाना चाहिए।
संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों में निंदा की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।