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बदलाव के लिए नजर से ज्यादा नजरिया महत्वपूर्ण : योगी

लखनऊ, 19 मई (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां शनिवार को कहा कि जीवन जीना एक कला है और जिसने भी पूरी ऊर्जा के साथ इस दिशा में प्रयास किया है, उसके लिए जीवन में कुछ भी कठिन नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि हम दिव्यांगजनों के प्रति अपना नजरिया बदलें, क्योंकि जीवन में कुछ करने के लिए वास्तव में नजर से ज्यादा महत्वपूर्ण नजरिया होता है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी दिव्यांगजनों के उत्थान, स्वावलंबन, कल्याण व विकास के लिए प्रदेश सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में आयोजित विवि के चौथे दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर उन्होंने 77 मेधावी छात्र-छात्राओं को 103 पदक व 829 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई। पदक पाने वालों में 49 छात्राएं और 26 छात्र रहे। सीएम योगी ने कहा कि मैं पदक पाने वाले सभी युवाओं को बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि आप सभी अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हुए समाज और राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने छात्रों को आंध्र प्रदेश के बेहद गरीब दिव्यांग के बारे में बताते हुए कहा कि जीवन में कुछ करने के लिए वास्तव में नजर से ज्यादा महत्वपूर्ण नजरिया होता है। योगी ने ऋषि अष्टावक्र, कवि सूरदास और हाल ही में दिवंगत हुए महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि ईश्वर की हर कृति में अपार प्रतिभा छिपी होती है।

योगी ने कहा कि मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है। किसी व्यक्ति के साथ उसकी क्षमता को लेकर भेदभाव नहीं किया जा सकता। हर व्यक्ति को प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए एक मंच की जरूरत होती है जो डॉ. शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति के प्रति भेदभाव को खत्म करने के उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ रहा है।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल राम नाईक ने की। समरोह में पद्मश्री डॉ. उमा तुली व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

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