येदियुरप्पा का इस्तीफा, लोकतंत्र की जीत : आजाद
बेंगलुरु, 19 मई (आईएएनएस)| वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को शक्ति परीक्षण से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा द्वारा इस्तीफा देने की घोषणा को ‘लोकतंत्र की जीत’ बताया। गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के विधायकों के साथ-साथ दो अन्य निर्दलीय विधायकों के पार्टी के फैसले के साथ अडिग रहने के लिए उनका आभार जताया।
कर्नाटक विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए आजाद ने कहा, हम कांग्रेस, जेडीएस, बसपा और निर्दलीय विधायकों को धन्यवाद देते हैं, जो केंद्र सरकार व उनकी एजेंसियों के किसी भी प्रकार के प्रलोभन व जोर-जबरदस्ती का प्रतिकार करते हुए पार्टी नेतृत्व के फैसले के साथ अडिग खड़े रहे।
उनका आरोप है कि कांग्रेस के कुछ विधायकों को अगवा कर भारतीय जनता पार्टी के अवैध संरक्षण में रखा गया। उन्होंने कहा कि जब वे विधानसभा पहुंचे तो अपनी पार्टी के साथ खड़े रहे और कांग्रेस, जेडीएस या निर्दलीय किसी भी विधायक ने पार्टी से अलग नहीं हुए।
उन्होंने बताया कि भाजपा के 104 विधायकों के खिलाफ कांग्रेस, जेडीएस गठबंधन और दो निर्दलीय को मिलाकर उनके 117 विधायक हैं।
राज्यसभा सदस्य आजाद ने सर्वोच्च न्यायालय का भी आभार जताया।
उन्होंने कहा, मैं न्यायपालिका का आभार मानता हूं। सर्वोच्च न्यायालय एक बार फिर मसले को लेकर खड़ा हुआ और अवधि (विश्वासमत साबित करने का समय) को 15 दिनों से घटाकर ढाई दिन कर दिया क्योंकि राज्यपाल ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को हमारी पार्टियों को तोड़ने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था।
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई आर. वाला की आलोचना करते हुए आजाद ने कहा, उन्होंने विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का समय दिया था। लेकिन हम सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे और उन्होंने इसकी कोई वजह नहीं पाई कि भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए क्यों 14-15 दिनों का समय दिया गया था, जबकि उनके पास संख्याबल नहीं था।
आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी के पास भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस विधायकों को पेशकश करने की रिकार्डिग है।