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उम्मीद है, भाजपा-आरएसएस कर्नाटक से सबक सीखेंगे : राहुल

नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा और कहा कि उम्मीद है कि उन्हें सबक मिल गया होगा कि संविधान, उच्च संस्थानों और देश की इच्छाशक्ति का अनादर नहीं किया जा सकता।

राज्यपाल वजूभाई वाला के दिए हुए 15 दिन के मौके के विपरीत सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर 26 घंटे के अंदर यानी शनिवार की शाम चार बजे बहुमत साबित करने की गुंजाइश न देखते हुए येदियुरप्पा ने शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ ही देर बाद राहुल ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

उन्होंने भाजपा को बहुमत जुटाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का पर्याप्त समय वजूभाई से दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और उन पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी स्वयं भ्रष्टाचार हैं।

कर्नाटक में 12 मई के चुनाव के बाद खंडित जनादेश के बीच भाजपा 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और इसी आधार पर राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दे दिया, जबकि भाजपा से पहले बहुमत के आंकड़े से ज्यादा 116 विधायकों के साथ कांग्रेस व जनता दल (सेक्युलर) ने जब राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया, तो उसे ठुकरा दिया गया। इसके खिलाफ कांग्रेस ने आधी रात को सर्वोच्च न्यायालय में दस्तक दी। कांग्रेस अर्जी मंजूर कर ली गई, घटों बहस चलने के बाद सुनवाई अगले दिन के लिए टाल दी गई। उसी दौरान राज्यपाल ने आनन-फानन में येदियुरप्पा को शपथ भी दिला दी।

शुक्रवार को दोपहर में सर्वोच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया, उसका पालन करते हुए भाजपा के मुख्यमंत्री को शनिवार को इस्तीफा देना पड़ा। माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस सर्वोच्च न्यायालय नहीं जाती तो विधायकों की खरीद-फरोख्त का सिलसिला 15 दिनों तक चलता रहता।

राहुल ने कहा, संविधान की मर्यादा न रखते हुए प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने अपनी पार्टी व जेडी-एस विधायकों को दबाव के बावजूद अपने पार्टी के साथ खड़े रहने के लिए शुभकामनाएं भी दी।

राहुल ने कहा, मुझे उम्मीद है कि भाजपा और आरएसएस को यह सबक मिल गया होगा कि देश के संस्थानों और देश की इच्छाशक्ति का अनादर नहीं किया जा सकता।

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