मप्र के मंत्री को अयोग्य ठहराने का निर्णय निरस्त
नई दिल्ली, 18 मई (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग की उस अधिसूचना को निरस्त कर दिया जिसमें आयोग ने 2008 में मध्यप्रदेश चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता नरोत्तम मिश्रा को अपने चुनावी खर्च का गलत इस्तेमाल करने के आरोप में तीन वर्षो के लिए अयोग्य घोषित किया था।
न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट्ट और न्यायमूर्ति सुनील गौड़ की खंडपीठ ने कहा कि मध्यप्रदेश के मंत्री के विरुद्ध ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया है, जिससे यह साबित हो कि मीडिया में छपा आर्टिकल और एडवरटोरियल पेड था।
पीठ भाजपा नेता की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने 14 जुलाई 2017 को उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा उन्हें (मिश्रा) अयोग्य साबित करने के चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखने के फैसले को चुनौती दी थी।
चुनाव आयोग ने 2017 में मिश्रा को आयोग्य साबित करने का निर्णय कांग्रेस के विधायक राजेंद्र भारती द्वारा 2009 में की गई शिकायत के आधार पर लिया था।
मिश्रा निर्वाचन आयोग के निर्णय को मामले में बहुत देरी होने और सबूतों के आभाव के आधार पर चुनौती दे रहे थे।