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‘मनोहर पोथी’ पढ़कर अंकगणित मजबूत करें तेजस्वी : जद (यू)

पटना, 17 मई (आईएएनएस)| बिहार में सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा बिहार में राजद के सबसे बड़े दल (80 सीटें) होने के बावजूद सत्ता से बेदखल कर भाजपा को सत्ता में लाने पर सवाल उठाए जाने पर जमकर निशाना साधा है। जद (यू) ने तेजस्वी को अंकगणित का ज्ञान बढ़ाने के लिए ‘मनोहर पोथी’ (बच्चों को पढ़ने वाली एक किताब) पढ़ने की सलाह दी है। जद (यू) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने यहां गुरुवार को तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा, वे (तेजस्वी) ‘गरीब’ के पुत्र होने के कारण डीपीएस स्कूल, दिल्ली में पढ़े हैं, इस कारण उनका अंकगणित कमजोर है। उन्हें मनोहर पोथी पढ़नी चाहिए।

उन्होंने पिछले साल के घटनाक्रम को याद दिलाते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता के लिए भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने के कारण 26 जुलाई, 2017 को जद (यू) महागठबंधन से अलग हुई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना सत्ता के मोह के राजभवन जाकर त्यागपत्र दे दिया।

इसके तुरंत बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का बिना शर्त सरकार को समर्थन पत्र मिल गया और इसी के आधार तत्कालीन राज्यपाल ने स्वविवेक से फैसला लेते हुए 27 जुलाई को नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई और 48 घंटे के अंदर सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिखा दिया।

उल्लेखनीय है कि राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है, हम राज्यपाल महोदय से मांग करते हैं कि वो वर्तमान बिहार सरकार को भंग कर कर्नाटक की तर्ज पर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका दें। मैं भाजपा के तर्क पर यह दावा ठोंक रहा हूं।

जद (यू) नेता नीरज ने तेजस्वी पर राजनीति में अनुकम्पा के आधार पर विधायक बनने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनमें राजनीति में सरकार के गठन की प्रक्रिया के ज्ञान का अभाव है। उन्होंने तेजस्वी को सलाह देते हुए कहा, मेरी सलाह है कि राजनीतिक जीवन में लंबा सफर तय करने के लिए कम से कम राज्यपाल की शक्तियों, बहुमत साबित करने की प्रक्रिया और विधानसभा की कार्यसंचालन नियमावली का अध्ययन कर लें।

जद (यू) नेता ने हालांकि यह भी कहा कि बिहार में गठबंधन का स्वरूप बदला है, लेकिन नीतीश कुमार ने जिस मुद्दे को लेकर जनादेश प्राप्त कर सत्ता में आए, वे मुद्दे नहीं बदले हैं।

राजद नेता तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, अगर कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया गया है, तो महामहिम राष्ट्रपति से मांग है कि वे राज्यपाल को बिहार के जनादेश का चीरहरण कर चोर दरवाजे से बनी सरकार को बर्खास्त करने का निर्देश देकर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का निमंत्रण दिलवाएं। आप दोनों जगह ठीक नहीं हो सकते।

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