ईरान परमाणु समझौता : भारत का रचनात्मक आदान-प्रदान का आह्वान
नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरानी परमाणु समझौते से बाहर निकलने के फैसले के बाद, भारत ने बुधवार को सभी पक्षों से विवादास्पद मुद्दों का समाधान ‘रचनात्मक आदान-प्रदान’ के जरिए निकालने का आह्वान किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, भारत ने हमेशा कहा है कि ईरानी परमाणु मुद्दे का परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के ईरान के अधिकार का सम्मान करते हुए वार्ता और कूटनीति से शांतिपूर्वक हल निकालना चाहिए, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का भी ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के साथ मजबूत हित जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा, सभी पक्षों को जेसीपीओए(संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजा) के साथ उत्पन्न समस्या का समाधान रचनात्मक रूप से निकालना चाहिए।
ट्रंप ने वाशिंगटन के ईरान और विश्व की छह शक्तियों(ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका) के बीच हुए समझौते से मंगलवार को बाहर निकलने की घोषणा करते हुए कहा कि वह ईरान के विरुद्ध परमाणु से संबंधित प्रतिबंधों में छूट देने के समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, बल्कि समझौते के अंतर्गत तेहरान और उसके साथ व्यापार करने वाले देशों पर दोबारा प्रतिबंध लगाएंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रों के कार्यालय से जारी संयुक्त बयान में फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के नेताओं ने अमेरिका के फैसले की निंदा की है।
मैक्रों, जर्मन की चांसलर एंजेला मर्केल और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ईरान समझौते को लेकर अपनी ‘लगातार प्रतिबद्धता’ दोहराई और जोर देकर कहा कि इसका ‘हमारी साझा सुरक्षा के लिए विशेष महत्व है।’