बिना पढ़े 15 मिनट भाषण बोलकर दिखाएं राहुल, मोदी ने दी बड़ी चुनौती
चामाराजानगर (कर्नाटक)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि वह, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार की उपलब्धियों पर बिना किसी लिखित भाषण के 15 मिनट तक बोलकर दिखाएं। प्रधानमंत्री ने यह प्रतिक्रिया पिछले सप्ताह राहुल गांधी की उस चुनौती पर की जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें संसद में 15 मिनट तक बोलने की इजाजत दी गई तो मोदी इसका सामना नहीं कर पाएंगे।
कर्नाटक में 12 मई के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में अपनी पहली चुनाव रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा “वह सही हैं। मेरे जैसे साधारण लोग, जो अच्छी तरह से बनते संवरते नहीं नहीं वे कांग्रेस अध्यक्ष की तरह के उच्च और शक्तिशाली लोगों के साथ किसी भी सूरत नहीं बैठ सकते हैं।”
मोदी ने इसके तुरंत बाद सुर बदलते हुए राहुल पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष एक नामदार (केवल नाम के) शख्स हैं। तो, वह कामदार (काम करने वाले) के प्रयासों के बारे में कैसे जानेंगे। हम कामदार हैं (हमें लोग काम से जानते हैं)। हमारा स्तर क्या है कि हम कांग्रेस अध्यक्ष जैसे लोगों के साथ बैठ सकें, जो हमें अपने से कम स्तर का समझते हैं।”
राहुल गांधी को सिद्धारमैया सरकार की उपलब्धियों पर कागज पर लिखी बात को पढ़कर सुनाने के बजाए 15 मिनट तक बोलने की चुनौती देते हुए मोदी ने कहा, “आप हिंदी, अंग्रेजी या अपनी मां (सोनिया) की मातृभाषा (इतालवी) में बात कर सकते हैं।”
उन्होंने राहुल गांधी को 15 मिनट के भाषण में पांच बार विश्वेश्वरैया का उच्चारण करने की भी चुनौती दी। उन्होंने कहा, “यही काफी है। कर्नाटक के लोग आपके शब्दों की ताकत को माप लेंगे।”
परिवारवाद पर राहुल गांधी को लक्षित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी (राहुल की) पहचान परिवार के नाम से है जबकि वह खुद अपने काम के लिए जाने जाते हैं।
मोदी ने कहा, “शायद उत्सुकता के कारण नव निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष सभ्यता भूल जाते हैं। उन्होंने मेहनती मजदूरों को बधाई तक नहीं दी जिसके कारण भारत के सभी गांवों को बिजली मिल रही है।”
मोदी ने कहा कि 2005 में मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह 2009 तक हर गांव को बिजली मुहैया कराएंगे।
उन्होंने कहा, “मनमोहन सिंह ने कहा कि हम 2009 तक हर गांवों में विद्युतीकरण करेंगे। सोनिया गांधी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि हम 2009 तक हर घर को बिजली मुहैया कराएंगे। लेकिन क्या हुआ? फिर, हमने देखा कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के साथ कैसा व्यवहार किया। उन्होंने अध्यादेशों को फाड़ दिया और उनका अपमान किया।”