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जुल्म और अन्याय के खिलाफ संघर्ष में आगे रहा है बिहार : सुशील मोदी

पटना, 25 अप्रैल (आईएएनएस)| बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां बुधवार को कहा कि जुल्म और अन्याय के खिलाफ संघर्ष में बिहार सबसे आगे रहा है।

बाबू वीर कुंवर सिंह के कुशल नेतृत्व में वर्ष 1857 में लड़ी गई स्वतंत्रता की पहली लड़ाई में बिहारियों के शौर्यपूर्ण योगदान की भारी कीमत बिहार को चुकानी पड़ी थी। बाबू वीर कुंवर सिंह के 160वें विजयोत्सव पर पटना में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, अंग्रेज कुंवर सिंह के पराक्रम से घबरा गए थे और सेना में बिहार तथा उत्तर प्रदेश के लोगों की संख्या काफी घटा दी गई थी।

वीर कुंवर सिंह के पराक्रम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, उनके निधन के पांच माह बाद तक जगदीशपुर स्वतंत्र बना रहा। यदि वर्ष 1857 में बाबू कुंवर सिंह ने आजादी की लड़ाई नहीं छेड़ी होती तो शायद वर्ष 1947 में देश आजाद नहीं होता।

मोदी ने कहा, अंग्रेज 1857 की लड़ाई को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई मानने को तैयार नहीं थे और उन्होंने इसे सिपाही विद्रोह की संज्ञा दी। बिहारियों के पराक्रम और शौर्य से घबराकर ब्रिटिश सरकार ने उन क्षेत्रों और जाति विशेष के लोगों को सेना में भर्ती करना बंद कर दिया।

उप मुख्यमंत्री ने कहा, अंग्रेजों ने ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति शुरू की तथा जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव किया जाने लगा। 1857 की क्रांति के बाद भारतीयों पर अंग्रेजों के अत्याचार बढ़ गए तथा प्रेस पर भी अंकुश लगाए गए।

मोदी ने कहा, बिहार सर्वाधिक संघर्षशील और जुझारू राज्य है तथा यहां के लोगों ने आजादी की लड़ाई से लेकर आपातकाल के जुल्म और अन्याय के खिलाफ संघर्ष में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, हालांकि इसके लिए बिहार को इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी।

बिहार में कुंवर सिंह के विजयोत्सव पर तीन दिवसीय उत्सव मनाया जा रहा है। इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इस उत्सव का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 अप्रैल को उद्घाटन किया था।

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