पेशेवर मांग के अनुसार काम करता हूं : अमिताभ
मुंबई, 23 अप्रैल (आईएएनएस)| 75 साल की उम्र में स्टंट करना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के ऐसा करने में उम्र आड़े नहीं आ सकती। उनका कहना है कि पेशेवर मांग पूरी करने के लिए वह हमेशा प्रयास करते हैं।
अभिनेता ने फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ में स्टंट किए हैं। जल्द ही उनकी फिल्म ‘102 नॉट आउट’ रिलीज होने जा रही है।
अमिताभ से जब पूछा गया कि पिछले कुछ समय से उन्होंेने साक्षात्कार देने से दूरी बना रखी है, वजह? उन्होंने कहा, साक्षात्कार का मतलब एक शख्स के द्वारा सवाल पूछना और दूसरे के द्वारा जवाब देना होता है। मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं था, तो फिर साक्षात्कार की क्या जरूरत है। अब मेरी फिल्म रिलीज होने वाली है और हमने जो फिल्म दर्शकों के लिए बनाई है, उसके प्रचार के लिए साक्षात्कार देना प्रोटोकाल और मीडिया के प्रति हमारा दायित्व है, इसलिए मैं स्वार्थवश खुद को सवालों के हवाले कर रहा हूं।
अभिनेता ने अपने स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर कहा, हाल ही में काम के दौरान मुझे कुछ चोटें आईं, जो कायम हैं। ये अतीत में एक्शन दृश्यों को करने के दौरान लगी चोटों से संबंधित हैं, जो बढ़ती उम्र के साथ उभर रही हैं। उपचार जारी है और इस उम्र में शरीर पूरी तरह से स्वस्थ हो जाना ख्याली पुलाव वाली सोच है।
अमिताभ से पूछा गया कि ‘102 नॉट आउट’ में 100 साल से ज्यादा उम्र का किरदार निभाना कैसा रहा? तो उन्होंने कहा कि निर्देशक उमेश शुक्ला और पटकथा लेखिका सौम्या जोशी ने उन्हें युवा सोच वाले 102 वर्षीय किरदार की कहानी सुनाई थी और इसे निभाने का प्रयास किया गया।
फिल्म में अमिताभ की दाढ़ी और सफेद बाल चित्रकार एम.एफ. हुसैन की तरह दिखते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मैंने इस बारे में नहीं सोचा, लेकिन चूंकि आप ऐसा कह रहे हैं, तो आपकी बात मान लेता हूं।
ऋषि कपूर के साथ दशकों बाद काम करने के अनुभव के बारे में अमिताभ ने कहा, यह उतना ही शानदार था, जितना उन दिनों हुआ करता था, जब हमने साथ में ऐतिहासिक फिल्में दी थी। ऐसा नहीं है कि हम जन्म के बाद अलग हो गए और 27 साल बाद मिल रहे हैं। ‘102 नॉट आउट’ अपने आप में जीवन-मृत्यु के बारे में है।
‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ में खतरनाक स्टंट कर स्वास्थ्य के लिहाज से जोखिम लेने के बारे में बारे में अमिताभ ने कहा, वे स्टंट दुस्साहसिक हैं और वे जोखिम भरे हैं, लेकिन मैं केले के छिल्के पर भी फिसल सकता हूं..हम पेशेवर मांग पूरी करने की कोशिश करते हैं और पर्याप्त सावधानी के साथ आगे बढ़ते हैं।
बेटी श्वेता नंदा के उपन्यासकार बनने के बारे में अभिनेता ने कहा, मैं एक बहुत गौरवान्वित पिता हूं और मैं खुश हूं कि मेरे पिता की विरासत बरकरार है।