‘बहुभाषी भारतीय समाज में कड़ी का काम करती है अंग्रेजी’
नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)| समाज के कमजोर तबके के बच्चों को अंग्रेजी सिखाकर सशक्त बनाने वाले शिक्षाविद डॉ. बीरबल झा का कहना है कि बहुभाषी भारतीय समाज में अंग्रेजी एक कड़ी का काम करती है।
डॉ. झा सोमवार को अंग्रेजी भाषा दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। देश में अंग्रेजी भाषा पठन-पाठन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई सर्वोच्च न्यायालय से इंसाफ की आशा रखता है तो उनके सामने अपनी बात शीर्ष अदालत तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजी भाषा में ही अपनी फरियाद पेश करने का एक मात्र विकल्प है क्योंकि देश की सबसे ऊंची अदालत में मुकदमों की पैरवी अंग्रेजी में ही होती है और फैसले भी अंग्रेजी में ही सुनाए जाते हैं।
डॉ. झा द्वारा देश की राजधानी के लक्ष्मी नगर में संचालित ब्रिटिश लिंग्वा नामक संस्थान में सोमवार को अंग्रेजी भाषा दिवस का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी के महान कवि विलियम शेक्सपियर की पुण्य तिथि पर 23 अप्रैल को अंग्रेजी भाषा दिवस मनाई जाती है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा सबसे पहले 23 अप्रैल 2010 को अंग्रेजी भाषा दिवस मनाया गया था। इस दिन दुनियाभर में कार्यक्रम करवाए जाते हैं जिनमें साहित्यिक संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है।
झा ने बताया, 1500 साल पहले दुनिया में सिर्फ तीन जनजातियों के लोग ही अंग्रेजी बोलते थे। मगर, आज यह पूरी दुनिया में व्यवसाय की सबसे बड़ी भाषा है और कम से कम 75 देशों में कार्यालय या विशेष दर्जे की भाषा बन चुकी है। दुनियाभर में करीब दो अरब लोग अंग्रेजी भाषाभाषी हैं। अंग्रेजी आज विश्व की सामान्य भाषा है।
डॉ. झा ने बताया, ब्रिटिश लिंग्वा ने बिहार में महादलित समुदाय के 30,000 युवाओं को अंग्रेजी का प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाया है और बेहतर रोजगार पाने और जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में उनकी मदद की है।
डॉ. झा ने अंग्रेजी में कई किताबें लिखी हैं। झा ने बताया कि उनकी अगली किताब ‘इंग्लिश फॉर सोशल जस्टिस’ जल्द की प्रकाशित होने वाली है।