कठुआ दुष्कर्म पर फर्जी खबर छापने पर दैनिक जागरण के साहित्योत्सव का बहिष्कार
पटना, 21 अप्रैल (आईएएनएस)| ‘जम्मू के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ।’ यह भ्रामक व फर्जी खबर छापे जाने के विरोध में समाचारपत्र द्वारा यहां शनिवार से शुरू साहित्य महोत्सव ‘बिहारी संवादी’ का कई नामचीन कवियों, लेखकों, रंगमंच के कलाकारों और पत्रकारों ने बहिष्कार किया।
उन्होंने अपने साथी लेखकों से अपील की है कि वे इस दो दिवसीय आयोजन में भाग न लें।
बिहार में पहला साहित्योत्सव ‘बिहारी संवादी’ का उद्घाटन शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था।
पटना स्थित साहित्यिक संगठन जन संस्कृति मंच ने लोगों से इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने की अपील की है।
हिंदी कवि और लेखक तथा जनसंस्कृति मंच के संयोजक राजेश कमल ने कहा, हमारे आह्वान का जवाब अपेक्षा से अधिक मिला है।
कमल ने कहा कि एक गंभीर अपराध की कहानी को बदलने के लिए फर्जी खबरों का इस्तेमाल किया जाना वास्तव में बहुत ही घृणित कृत्य है।
जानेमाने हिंदी कवि आलोक धन्वा ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। उनके अलावा हिंदी कवि और लेखक संजय कुंदन ने भी इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। उन्होंने कहा, मैं अखबार द्वारा प्रकाशित फर्जी खबर को लेकर विरोध प्रकट करने के लिए बिहारी संवादी में भाग नहीं ले रहा हूं।
हिंदी कवि और पत्रकार निवेदिता शकील ने कहा कि यह चौंकाने वाला था कि एक समाचारपत्र, जिसने कठुआ दुष्कर्म के मामले को गलत साबित करने के लिए एक फर्जी खबर प्रकाशित की थी और वह यहां इस तरह एक साहित्यिक त्योहार आयोजित कर रहा है। मैंने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है।
दैनिक जागरण का हालांकि कहना है कि किसी ने बहिष्कार नहीं किया, उसके आयोजन का पहला दिन सफल रहा।