‘एचटीटीपी’ पर प्रसारित डेटा के हैक होने का खतरा : कासपर्सकी
मॉस्को, 21 अप्रैल (आईएएनएस)| फेसबुक यूजर्स के डेटा चोरी और घोटाले की खबरों के बीच रूस की कासपर्सकी लैब्स ने खुलासा किया कि असुरक्षित ‘हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल’ (एचटीटीपी) पर प्रसारित हो रहे अनइंक्रिप्टेड यूजर डेटा के हैक होने का जोखिम काफी अधिक है।
इस जोखिम का प्रमुख कारण कुछ एप्लिकेशंस द्वारा ‘थर्ड पाटी’ रेडी-टू-गो एडवरटाइजिंग ‘सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट्स (एसडीके)’ का इस्तेमाल करना है।
मॉस्को स्थित मुख्यालय वाली लैब ने कहा, एनक्रिप्शन के अभाव में डेटा को असुरक्षित वाई-फाई की मदद से कोई भी बाधित कर सकता है, चाहे वह इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आईएसपी) हो या किसी होम राउटर के मालवेयर द्वारा हो।
भेजे गए अनएनक्रिप्टेड डेटा में यूजर की निजी जानकारियां जैसे नाम, उम्र, लिंग, आय और लोकेशन शामिल हो सकती है, जो ‘एचटीटीपी’ के माध्यम से सर्वर तक पहुंचने में असुरक्षित होती है।
शोधकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि बाधित डेटा के साथ छेड़छाड़ भी की जा सकती है, जिसमें निजी जानकारियों के अलावा, डिवाइस की जानकारी हो सकती है, जिसमें निर्माता, मॉडल, स्क्रीन रेजोल्यूशन, सिस्टम वर्शन और एप के नाम शामिल हो सकते हैं, जो जोखिम भरा है।