भारत, ब्रिटेन आतंक रोधी संबंधों को बढ़ावा देंगे
लंदन, 18 अप्रैल (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के बीच वार्ता के बाद भारत और ब्रिटेन ने बुधवार को आतंकवाद की सभी रूपों में निंदा की और वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ ‘निर्णायक व ठोस कार्रवाई’ के लिए मजबूत सहयोग पर दोनों देश सहमत हुए।
इसमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के नाम भी लिए गए। एक महत्वपूर्ण कदम के तहत दोनों पक्षों ने खुले, समावेशी और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए साथ काम करने पर भी सहमत हुए।
मोदी व मे के बीच 10 डाउनिंग स्ट्रीट आवास पर हुई बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-प्रशांत में साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा की और इसके लिए साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
डाउनिंग स्ट्रीट के एक प्रवक्ता ने कहा, उन्होंने मे के भारत के 2016 में हुए दौरे के बाद से द्विपक्षीय रक्षा व सुरक्षा सहयोग की प्रगति पर चर्चा की और रक्षा क्षमता साझेदारी के महत्वपूर्ण सामरिक क्षेत्र के समझौते पर विचार किया।
प्रवक्ता ने कहा, दोनों नेताओं ने आतंकवाद, कट्टरवाद व ऑनलाइन चरमवाद से मुकाबले के लिए मिलकर लगातार काम करने पर सहमति जताई।
बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया। इसमें दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों सहित भारत व ब्रिटेन में आतंकवाद व आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं की भी निंदा की।
बयान में कहा गया है, दोनों नेताओं ने दृढ़तापूर्वक कहा कि आतंकवाद को किसी भी आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता है और इसे किसी धर्म, पंथ, राष्ट्रीयता या जाति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि आतंकवाद व चरमपंथी संगठनों को निर्दोष लोगों पर हमले, भर्ती व कट्टरता फैलाने के मौके नहीं दिए जाएंगे। इसके लिए सभी देशों को आतंकी नेटवर्क, उनके वित्तपोषण व आतंकवादी गतिविधियों सहित विदेशी आतंकवादियों पर साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
बयान में कहा गया है, नेताओं ने वैश्विक आतंकवादियों व आतंकवादी संगठनों लश्कर ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन व इनके सहयोगियों से अपने नागरिकों की रक्षा के लिए इनके खिलाफ निर्णायक व ठोस कार्रवाई करने पर सहमति जताई। साथ ही ऑनलाइन व हिंसक कट्टरता से भी निपटने की बात कही।
बयान में कहा गया है, ब्रिटेन व भारत समुद्री डकैती, नौपरिवहन की स्वतंत्रता की रक्षा व मुक्त पहुंच के खतरों से निपटने व समुद्री क्षेत्र में जागरूकता के लिए भी मिलकर काम करेंगे।
बैठक के बाद मोदी व मे पूर्व रूसी जासूस व उनकी बेटी पर नर्व हमले व सीरिया में रासायनिक हमले को लेकर भी चर्चा की। नेताओं ने इस पर अपनी चिंता जताई और किसी भी पक्ष द्वारा किसी भी परिस्थिति में रासायनिक हथियार के इस्तेमाल के खिलाफ अपनी स्थिति साफ की।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों ने नई ब्रिटेन-भारत प्रौद्योगिकी साझेदारी पर सहमति जताई।
डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा कि मे ने मोदी को ब्रिटेन के ब्रेक्सिट के बाद की प्रगति की जानकारी दी।
प्रवक्ता ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रेक्सिट के बाद भारत के लिए ब्रिटेन का महत्व कम नहीं होगा।
संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने गतिशील नई भारत-ब्रिटेन व्यापार साझेदारी पर सहमति जताई।
मोदी यूरोप के तीन देशों के दौरे के दूसरे चरण में स्वीडन से यहां सोमवार रात पहुंचे। इसके बाद वह जर्मनी जाएंगे।
भारतीय नेता इस साल यहां होने वाले राष्ट्रमंडल राष्ट्रों के प्रमुखों की बैठक (सीएचओजीएम) में 19-20 अप्रैल को भाग लेंगे। वह 2009 के बाद से द्विवार्षिक समारोह में भाग लेने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।