आईआरसीटीसी मामला : लालू, राबड़ी, तेजस्वी व रेलवे बोर्ड अफसर के खिलाफ आरोपपत्र
नई दिल्ली, 16 अप्रैल (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने 2006 के आईआरसीटीसी होटल रखरखाव अनुबंध मामले में अनियमितता पाए जाने की जांच करते हुए सोमवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, रेलवे बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद पी.सी. गुप्ता और अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
सीबीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, एजेंसी ने 12 व्यक्तियों और दो कंपनियों के खिलाफ दिल्ली की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।
उन्होंने बताया, लालू प्रसाद, उनकी पत्नी तथा बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे तथा बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पी.के. गोयल, चाणक्य होटल के स्वामी विनय और विजय कोचर, प्रेम चंद्र गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता और लारा परियोजना एलएलपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
उन्होंने बताया, इनके अलावा सीबीआई के आरोपपत्र में रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य बी.के. अग्रवाल का भी नाम है जो उस समय आईआरसीटीसी में समूह महानिदेशक (जीजीएम) थे।
अधिकारी ने बताया कि पिछले साल दर्ज हुए मामले में अग्रवाल का नाम नहीं था। उनके खिलाफ सबूत पाए जाने के बाद उनका नाम भी आरोपपत्र में दाखिल किया गया।
सीबीआई ने आईआरसीटीसी के पूर्व जीजीएम वी.के. अस्थाना, आईआरसीटीसी के तत्कालीन कंपनी सेक्रेटरी व जीजीएम आर.के. गोगिया, आईआरसीटीसी के तत्कालीन निदेशक रमेश सक्सेना के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया।
यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद केंद्रीय रेल मंत्री थे।
सीबीआई ने 10 अप्रैल को इस मामले में राबड़ी देवी से पटना में घंटों पूछताछ की थी।
पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई ने अपने दिल्ली मुख्यालय पर लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव से भी पूछताछ की थी।
सीबीआई ने 2006 में आईआरसीटीसी के रांची और पुरी स्थित दो होटलों के अनुबंध आवंटन में अनियमितता के आरोप में पांच जुलाई 2017 को राबड़ी देवी, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। ठेका कोचर बंधुओं के सुजाता होटल्स को दिया गया था और ऐसा इनके (कोचर बंधुओं) द्वारा पटना में एक महत्वपूर्ण जगह पर तीन एकड़ का व्यावसायिक प्लाट बतौर घूस देने के एवज में संभव हो पाया था।
सीबीआईइ के अनुसार उसने प्राथमिक जांच में पाया था कि यह जमीन कोचर बंधुओं ने डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को बेची थी और इसका भुगतान अहलूवालिया कांट्रेक्टर्स और उसके सहायक बिक्रमजीत सिंह अहलूवालिया के जरिए हुआ था जो भी इस मामले में आरोपी है।
सीबीआई का कहना है कि उसने अपनी जांच में पाया कि डिलाइट मार्केटिंग द्वारा कोचर से खरीदी गई संपत्ति को बाद में राबड़ी देवी और उनके बेटे ने अपने कब्जे में ले लिया।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी और डिलाइट मार्केटिंग की निर्देशक सरला गुप्ता इस मामले की सह आरोपी हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले में धनशोधन की जांच कर रहा है। सीबीआई की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ईडी ने पिछली साल 27 जुलाई को इसके संबंध में एक अन्य मामला दर्ज किया था।
ईडी फर्जी कंपनियों के जरिए रुपयों का लेन देन करने के मामले में लालू और अन्य नामजदों के खिलाफ जांच कर रही है।