पहाड़ी गांवों की महिलाएं बनाएंगी ऑर्गेनिक प्रसाद, गोविंद करेंगे जागरूक
उत्तराखंड में महिला समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की शुरू हुई पहल
उत्तराखंड के गांवों में महिला समूहों को रोजगार का अवसर देने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक नई मुहिम की शुरूआत की है। अब चार धाम की यात्रा करने वाले लोगों को महिला समूहों की मदद से बना ऑर्गेनिक प्रसाद खरीदने को मिलेगा। देवभोग प्रसाद योजना के अंतर्गत अब ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को जागरूक करने के लिए गोविंद सिंह मेहर त्रषिकेश से ब्रदीनाथ तक बसे गांवों में पैदल यात्रा कर रहे हैं।
हिमालयी पर्यावरण अध्ययन संरक्षण संगठन (HESCO) के संस्थापक डॉ. अनिल जोशी ने देवभोग प्रसाद योजना की शुरूआत करते हुए गोविंद सिंह मेहर को यात्रा पर भेजा है। डॉ. अनिल सिंह ने बताया, ” इस यात्रा के माध्यम से गांव के लोगों को जागरूक किया जाएगा। देवभोग प्रसाद योजना की मदद से चार धाम सहित प्रदेश के 625 मंदिरों में महिलाओं द्वारा बनाए गए अॉर्गेनिक प्रसाद को पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार की इस योजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल सकेंगे।”
उत्तराखंड सरकार ने बद्रीनाथ से देवभोग योजना की पहल शुरू की थी लेकिन, अब सरकार द्वारा इसे बड़े स्तर पर लाने की पूरी कोशिश की जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पहाड़ी गांवों में काम कर रहे महिला समूहों की आय में सुधार करना और गांव में बने अॉग्रेनिक प्रसाद को राजकीय पहचान दिलाना है।
देवभोग प्रसाद योजना में महिलाओं को जागरूक करने केे लिए निकले गोविंद सिंह मेहर को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने ट्विट में लिखा है,” उत्तराखंड में महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए गोविन्द सिंह मेहर लगातार प्रयासरत हैं। गोविंद जी देवभोग प्रसाद योजना के सफल क्रियान्वयन का संकल्प लेकर ऋषिकेश से बद्रीनाथ तक पैदल यात्रा पर निकले हैं। उनका मनोरथ सफल हो इसी कामना के साथ उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”