दुष्कर्म मामलों में न्याय सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध : राजनाथ
नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)| केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह राज्य की कानून-व्यवस्था के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते, लेकिन वह जम्मू एवं कश्मीर की आठ साल की लड़की से दुष्कर्म व हत्या के मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठा रहे हैं।
राजनाथ ने समाचार चैनल आज तक से कहा, मैंने जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से कई बार बात की और मैंने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से उस जगह जाने और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए पहल करने को कहा है और इस तरह से स्थिति सामान्य होगी।
उन्होंने कहा कि मैंने खुद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह व पार्टी के जम्मू एवं कश्मीर के प्रभारी राम माधव से बात की है।
उन्होंने कहा, वह (माधव) राज्य के साथ बराबर संपर्क में हैं और निजी तौर पर जम्मू एवं कश्मीर में हालात को सामान्य करने के लिए दौरा कर सकते हैं।
हालांकि, मंत्री ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 18 साल की लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के बारे में कुछ नहीं कहा, जिसमें भाजपा का एक विधायक आरोपी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राजस्थान के प्रावधानों की तरह कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म मामले में मौत की सजा का समर्थन करेंगे? गृहमंत्री ने कहा कि वह जघन्य अपराध के मामले में सख्त सजा का समर्थन करते हैं, लेकिन उन्होंने मौत की सजा पर अपनी राय नहीं जाहिर की।
उन्होंने कहा, गंभीर प्रकृति के मामलों में सख्त सजा को लेकर कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। कानून क्या होना चाहिए? इसे किस हद तक जाना चाहिए? इस पर मेरा मानना है कि एक चर्चा होनी चाहिए और चर्चा के बाद हमें निष्कर्ष पर आना चाहिए। मैं इस बात से सहमत हूं कि इसके लिए कठोर दंड होना चाहिए।
हालांकि, मंत्री ने सहमति जताई कि जांच व न्याय में देरी होने से पीड़ित व उसके परिवार को परेशानी से गुजरना पड़ता है।
उन्होंने कहा, एक गृहमंत्री के तौर पर मैं राज्य संबंधित मामलों में सीधे तौर पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
हालांकि, उन्होंने कहा, मेरी तरफ से, मैं पूरी कोशिश करूंगा कि मामलों में देरी वाले राज्यों से बात करूं।