IANS

राष्ट्रमंडल खेल : डोपिंग के संदिग्ध राकेश व इरफान स्वदेश भेजे गए

गोल्ड कोस्ट (आस्ट्रेलिया), 13 अप्रैल (आईएएनएस)| भारतीय एथलीट राकेश बाबू और के. टी. इरफान को यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में ‘सुई साथ न रखने’ की नीति के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने स्वदेश वापस भेज दिया है।

सीजीएफ ने गुरुवार को अपने चिकित्सा आयोग द्वारा की गई शिकायत पर यह कार्रवाई की। घटना 9 अप्रैल की है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को इसकी जानकारी 10 अप्रैल को दी गई। सुनवाई गुरुवार को हुई।

सीजीएफ के अनुसार, राकेश और इरफान के राष्ट्रमंडल खेल गांव के क्वार्टरों में सुइयां पाई गईं थीं। इसलिए दोनों को संदिग्ध डोपिंग मामले के तहत भारत भेज दिया गया है।

एक सफाईकर्मी ने उनके कमरों में टेबल के पास रखे गए कपों में इन सुइयों को देखा था। दोनों को तत्काल प्रभाव से ही स्वदेश भेज दिया गया है।

सीजीएफ ने बयान में कहा, सफाईकर्मी की गवाही विश्वसनीय है, जिसने राष्ट्रमंडल खेल गांव के सातवें अपार्टमेंट के दूसरे कमरे में राकेश और इरफान के कप में सुई पाई।

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने अपने बयान में कहा, राकेश और इरफान कोलोथुम थोडी ने सुई साथ न रखने की नीति का उल्लंघन किया है। वे दोनों इस नीति के अनुच्छेद एक, दो, तीन और चार का पालन नहीं कर सके। ये चारों अनुच्छेद सुइयों के इस्तेमाल के संबंध में हैं।

सीजीएफ ने कहा, राकेश और इरफान को इस मामले में तुरंत प्रभाव के साथ राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर कर दिया गया है। दोनों की आधिकारिक मान्यता भी आज (शुक्रवार) सुबह नौ बजे से ही रद्द कर दी गई है। दोनों एथलीट को खेल गांव से निकाल दिया गया है। हमने भारत के राष्ट्रमंडल खेल संघ से कहा है कि दोनों एथलीट की पहली फ्लाइट से ही आस्ट्रेलिया से रवानगी सुनिश्चित करें।

राकेश को शुक्रवार को तिहरी कूद का फाइनल खेलना था, जिसमें उन्होंने 12वें स्थान पर रहकर क्वालीफाई किया था। इरफान की 20 किमी पैदलचाल स्पर्धा हो चुकी है, जिसमें वह 13वें स्थान पर रहे थे।

यह कहते हुए कि दोनों एथलीट ‘सुई साथ न रखने’ की नीति के उल्लंघन के मामले में कोई सफाई नहीं दे सके, सीजीएफ ने भारतीय अधिकारियों को भी लताड़ा।

इस मामले में सीजीएफ ने भारतीय दल के शेफ दे मिशन विक्रम सिंह सिसोदिया, महाप्रबंधक नामदेव श्रीगांवकर और एथलेटिक्स टीम के प्रबंधक रविंदर चौधरी को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी क्योंकि वे इस मामले के नियमों का पालन कराने में असफल रहे।

बयान में कहा गया, इन परिस्थितियों में सीजीएफ सिसोदिया, श्रीगांवकर और चौधरी को सुझाव देगा कि भारतीय टीम के किसी भी अन्य सदस्य की ओर से इस प्रकार की आगे कोई भी गलती उसके लिए भारी पड़ सकती है और उसकी मान्यता भी रद्द कर दी जाएगी।

भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने कहा कि इरफान को माफ किया जाना चाहिए क्योंकि सुई राकेश के बैग में पाई गई है।

आईओए ने बयान में कहा, इस पूरे मामले में काफी चीजें उलझी हुई हैं। हमारा सवाल यह है कि उन्होंने राकेश के बैग में सुई मिलने के कारण इरफान की मान्यता रद्द क्यों की? उस अपार्टमेंट में छह एथलीट थे। राकेश के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इरफान क्यों? कन्फ्यूजन है।

आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि संस्था भविष्य में ऐसी चीजों को रोकने के लिए डोपिंग रोधि प्रणाली पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

मेहता ने कहा, बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि ‘सुई साथ न रखने’ की नीति का उल्लंघन करने के बाद सीजीएफ ने राकेश और इरफान की आधिकारिक मान्यता रद्द कर दी है। सीजीएफ द्वारा बार बार इस नीति को दोहराने के बावजूद एथलीट इसे समझ नहीं सके और अब उन्हें स्वदेश भेज दिया गया है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रमंडल खेल शुरु होने से एक महीने पहले ही सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को सीजीएफ का सुई न रखने की नीति से संबंधित दस्तावेज दिया गया था।

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