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अपने गुरु का सपना पूरा करने पर गर्व है : राहुल अवारे

नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)| राष्ट्रमंडल खेलों में पहली ही बार में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले भारतीय पहलवान राहुल अवारे को अपनी सफलता पर गर्व है।

उनका कहना है कि यह उनके गुरु हरिश्चंद्र बिराजदार का सपना था जिसे पूरा कर वह बेहद खुश हैं।

राहुल ने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में खेले जा रहा 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की फ्री स्टाइल स्पर्धा के 57 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया है। यह राहुल का इन खेलों में पहला पदक है।

राहुल ने आईएएनएस से बातचीत में इस अपने जीवन का अभी तक का सबसे बड़ा पल बताया है।

राहुल ने कहा, यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा पल है। यहां तक पहुंचने और इस काबिल बनने के लिए मुझे 10 साल लग गए। मैंने अपने गुरु का सपना पूरा किया, इसका मुझे गर्व है। हरिश्चंद्र बिराजदार मेरे गुरु थे जो 2011 में गुजर गए।

इस पदक से पहले राहुल ने 2011 में एशियन चैम्पियनशिप में ताशकंद में 55 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य जीता था और फिर इसी साल मेलबर्न में राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में स्वर्ण पर कब्जा जमाया था।

तब से उन्हें बड़े मंचों पर खाली हाथ ही रहना पड़ा था। उनसे जब पूछा गया कि इतने वर्षो में जब सफलता हाथ नहीं लग रही थी तो वह क्या सोच रहे थे? इस पर राहुल ने कहा, हर बार भगवान पर भरोसा था और ईमानदारी से मेहनत करने पर मेरा ध्यान था। आगे भी मेहनत करूंगा और जब तक खेलेंगे कोशिश रहेगी कि देश के लिए पदक जीतें।

राहुल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और गुरुजन को दिया।

उन्होंने कहा, इसका श्रेय मैं हरिश्चंद्र बिराजदार, मौजूदा कोच काका पवार, माता-पिता तथा उन सभी देशवासियों को देता हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा बनाए रखा और मेरे लिए दुआ की।

राहुल पदक वितरण समारोह के दौरान बेहद भावुक थे। उन्होंने अपने अगला लक्ष्य एशियाई खेल और 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों को बताया है।

राहुल ने फाइनल में कनाडा के ताकाहाशी को मात देकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।

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